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सीढियां कभी शिखर नही बनती -डॉ. चौरसिया



उज्जैन। सीढियां शिखर तक जाती जरूर हैं, वे शिखर बनवाती हैं किन्तु शिखर नही बन पाती। ऐसी कविता से साहित्य मंथन की नववर्ष साहित्य संध्या को शिखर तक पहुंचाया वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिव चौरसिया ने। 
इस नववर्ष संध्या के मुख्य अतिथि आर.जी.पी.वी. के कुलसचिव डॉ.एस.के जैन थे। वरिष्ठ कवि अशोक भाटी की श्रेष्ठ रचना ‘तू बेटी हिन्दुस्तान की’ से प्रारंभ इस गोष्ठी को उंचाईयां मिली डॉ. विजय सुखवानी की गजल माँ से। इस अवसर पर वरिष्ट कवि वासुदेव शर्मा प्रणय, डॉ. रमेशचन्द्र, डॉ. प्रभाकर शर्मा, डॉ. रवि नगाईच, डॉ.मोहन बैरागी, सुरेन्द्र सर्किट, प्रेम पथिक, विक्रम विवेक आदि ने भी अपनी श्रेष्ठ रचनाओं से गोष्ठी को सार्थकता प्रदान की। स्वागत उद्बोधन संस्था केे अध्यक्ष प्रेम पथिक ने दिया एवं गोष्ठी का संचालन डॉ. संदीप नाडकर्णी ने किया। आभार मुकेश जोशी ने माना। इस अवसर पर जिला क्रीडा अधिकारी अरविन्द जोशी एवं भरत गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित थे।

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