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तीन दिवसीय शैव महोत्सव का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री सहित अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे


 

उज्जैन । शैव महोत्सव 5, 6 एवं 7 जनवरी को उज्जैन में आयोजित किया जा
रहा है। श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग समागम माघ कृष्ण चतुर्थी से माघ कृष्ण षष्ठी तक आयोजित होगा।
चार कार्यक्रम स्थलों के लिये चार व्यासपीठ स्थापित की गई है। इनका नाम सनतकुमार आदि के
नाम पर रखा गया है। स्वामी सन्त उदासीन आश्रम नृसिंह घाट परसनातन व्यासपीठ श्री
बालमुकुन्द आश्रम झालरिया मठ आन्तरिक हॉल में सनक व्यासपीठ श्री बालमुकुन्द आश्रम झालरिया
मठ के बाह्य हॉल में सनन्दन व्यासपीठ तथा श्री महाकालेश्वर प्रवचन हॉल में सनतकुमार व्यासपीठ
स्थापित की गई है। शैव महोत्सव का उद्घाटन 5 जनवरी को स्वामी सन्तदास उदासीन आश्रम नृसिंह
घाट पर प्रात: 9 बजे से होगा। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य
विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

आयोजन का उद्देश्य

शैव महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य विश्वस्तर पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के महात्म्य को
प्रसारित करना है। हिन्दू धर्म-संस्कृति एवं दर्शन पर गहन विचार मंथन एवं चिन्तन कर उन्हें
समसामयिक सन्दर्भ में प्रतिपादित करना। हिन्दू धर्म संस्थानों की गरिमा के अनुरूप वेदोक्त पूजा
पद्धति की साम्य के साथ निरूपित करना। वेदोक्त एवं पुराणिक सन्दर्भों के अनुरूप आधुनिक प्रबंधन
तकनीक एवं संसाधनों का प्रयोग करते हुए पर्यावरण व पारिस्थितिकी के अनुकूल उत्कृष्ट व्यवस्था
का निर्माण करना एवं इस हेतु द्वादश ज्योतिर्लिंगों का व्यवस्था प्रबंधन एवं समन्वय करना, सामाजिक
लोक उत्तरदायित्व के कार्यों का विस्तार किए जाने पर विचार एवं इसके माध्यम से सामाजिक
समरसता के स्थापन का कार्य करना। राष्ट्रोत्थान हेतु द्वादश ज्योतिर्लिंग संस्थानों की प्रतिभागिता एवं
समन्वय करना, शैव एवं वैष्णव देवस्थान जो कि आदिकाल से राष्ट्रीय चेतना के केन्द्र रहे हैं के गौरव
की पुनर्स्थापना करना, आध्यात्मिक मनोभाव के साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना आदि हैं।

शैव महोत्सव में प्रबोधन के विषय

शैव महोत्सव में भगवान के निराकार स्वरूप का विवेचन और विभिन्न शैव दर्शनों का
प्रतिपादन होगा। साथ ही आगम/तंत्र ग्रंथ, पुराण, स्मृति वेदान्त में भगवान के साकार स्वरूप का
विवेचन किया जायेगा। पूजा पद्धति व कर्मकाण्ड पर चर्चा की जायेगी। मन्दिरों की व्यवस्था एवं प्रबंधन
पर पौराणिक सन्दर्भों को दृष्टिगत रखते हुए आधुनिक प्रबंधन पद्धति एवं संस्थान का प्रयोग करते हुए
उत्कृष्ट व्यवस्था का निर्माण किया जायेगा। सामाजिक समरसता एवं सामाजिक कार्य के लिये द्वादश
ज्योतिर्लिंग संस्थानों द्वारा विभिन्न सामाजिक व शैक्षिक प्रकल्पों के माध्यम से सामाजिक समरसता
की चेतना का प्रसार कैसे किया जाये। गोसेवा, शिक्षा, जैविक कृषि, शून्य बजट कृषि एवं भारतीय
चिकित्सा पद्धति पर चिन्तन भी किया जायेगा।


आज शोभायात्रा निकलेगी

शैव महोत्सव के दौरान 5 जनवरी को शाम 4 बजे भव्य शोभायात्रा श्री महाकालेश्वर मन्दिर से
निकलेगी। शोभायात्रा महाकाल मन्दिर से कोट मोहल्ला चौराहा, गुदरी चौराहा, रामानुजकोट, कार्तिक चौक,
दानीगेट, ढाबा रोड, कंठाल चौराहा, सतीगेट, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार होते हुए वापस महाकाल
मन्दिर पहुंचेगी।

शैव कला संगम एवं प्रदर्शनी

शैव महोत्सव के अन्तर्गत 5, 6 एवं 7 जनवरी को बारह ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति, भगवान
शिव के चित्र तथा सभी वेदों के वैज्ञानिक पक्ष पर आधारित प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जायेगा।
इसमें चित्रकारों को आमंत्रित कर उनके चित्रांकनों का भी प्रदर्शन होगा। यह प्रदर्शनी स्वामी सन्तदास
उदासीन आश्रम नृसिंह घाट रोड पर आयोजित की गई है।
कार्यक्रम की रूपरेखा

शैव महोत्सव-2018 के अन्तर्गत प्रथम दिवस 5 जनवरी को आयोजन स्थल सन्तदास
उदासीन आश्रम नृसिंह घाट पर प्रात: 8 से 9 बजे तक पंजीयन के उपरान्त प्रात: 9.30 से 11.30 तक
उद्घाटन सत्र होगा, 11.45 से 1.30 तक उद्बोधन सत्र होगा तथा दोपहर 1.30 से 3 बजे तक महाप्रसादी के
पश्चात सायं 4 बजे से शोभायात्रा श्री महाकालेश्वर मन्दिर से प्रारम्भ होगी।
शैव महोत्सव के द्वितीय दिवस 6 जनवरी को प्रात: 9.30 से 11 बजे तक उद्बोधन सत्र होगा, 11.15
से 1 बजे तक द्वितीय उद्बोधन सत्र होगा, 1 बजे से 2.30 तक महाप्रसादी के पश्चात दोपहर 3 बजे से 4.30
तक तृतीय उद्बोधन सत्र होगा। चतुर्थ उद्बोधन सत्र का समय सायं 4.45 से 6.30 तक रहेगा। सायं 6.30
बजे से 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी उद्बोधन सत्र सभी चार व्यासपीठों पर
समानान्तर रूप से आयोजित होंगे।
शैव महोत्सव के तृतीय एवं अन्तिम दिवस पर प्रात: 9 बजे से 10 बजे तक स्वामी सन्तदास
उदासीन आश्रम नृसिंह घाट पर आयोजित कार्यक्रम में अनुभव कथन होंगे। समापन सत्र प्रात: 10.30
से प्रारम्भ होगा, जो कि महाप्रसादी भोजन के साथ सम्पन्न होगा।

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