शैव महोत्सव का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बनाना है –श्री माखनसिंह शैव महोत्सव के आयोजन को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित
उज्जैन। 5, 6 एवं 7 जनवरी को आयोजित होने वाले शैव महोत्सव की रूपरेखा
एवं इसके उद्देश्यों से परिचित कराने के लिये आज 3 जनवरी को महाकाल प्रवचन हॉल में प्रेसवार्ता
आयोजित की गई। प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष श्री
माखनसिंह ने कहा कि शैव महोत्सव का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बनाना है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण दुनिया एक प्लेटफार्म पर खड़ी हो गई है। भारत को
विश्वगुरू के रूप में जाना जाता है। भारत की भूमिका आदिकाल से ऋषियों ने तय करके रखी हुई है।
ज्ञानदान का काम ऋषि-मुनि सदियों से करते आ रहे हैं, इस ज्ञान को प्रवचनों एवं पुस्तकों से आगे
जन-सामान्य में प्रसारित करना है। भारत के विकास के मानदण्ड पश्चिमी राष्ट्रों से पृथक हैं। हमारे
धर्म के केन्द्र मन्दिर और मठ चेतना का केन्द्र बनकर उभरें, इस पर चिन्तन आवश्यक है। हमारे
आदिग्रंथों, वेदों का ज्ञान जुड़कर सुन्दर समाज का निर्माण करे, यही उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि
मीडिया जगत शैव महोत्सव का न केवल भारत, बल्कि विश्व में प्रचार करे। इससे मानव कल्याण की
भावना का प्रचार होगा।
शैव महोत्सव के आयोजन के सिलसिले में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री माखनसिंह के
अलावा यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, प्रशासक श्री अवधेश शर्मा,
समिति के सदस्यगण श्री विभाष उपाध्याय, श्री प्रदीप गुरू एवं श्री जगदीश शुक्ला मौजूद थे।
प्रेसवार्ता में श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने
बताया कि शैव महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी है। मुख्य कार्यक्रम स्थल, प्रदर्शनी आदि के साथ-
साथ तीनों दिन रामघाट पर शिप्रा आरती व मल्लखंब का कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा।
कलेक्टर ने मीडिया से शैव महोत्सव के व्यापक प्रचार-प्रसार की अपील की। प्रेसवार्ता के आरम्भ में
प्रशासक श्री अवधेश शर्मा ने शैव महोत्सव के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। सदस्य श्री प्रदीप गुरू
ने बताया कि शैव महोत्सव हमारी सनातन संस्कृति की परम्पराओं के साथ-साथ ज्योतिर्लिंगों में
विद्यमान परम्पराओं का आदान-प्रदान का जरिया बनेगा। इस अवसर पर शोध संगोष्ठियों का
आयोजन किया जायेगा। सदस्य श्री विभाष उपाध्याय ने कहा कि कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जनवरी को
प्रात: 9.30 बजे से स्वामी सन्तदास उदासीन आश्रम नृसिंह घाट पर आयोजित किया गया है।
उद्घाटन सत्र में स्वामी श्री दिव्यानन्द तीर्थ, शंकराचार्य भानपुरा तीर्थ, आचार्य महामण्डलेश्वर श्री
विशोकानन्दजी, महामण्डलेश्वर श्री विश्वात्मानन्दजी, श्री भवानीनन्दन यतिजी, स्वामी
ब्रह्मयोगानन्दजी तथा स्वामी गंगाभारतीजी शामिल होंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरसंघ संचालक
श्री मोहनराव भागवत होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे तथा
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तानसिंह सोलंकी एवं केन्द्रीय
राज्यमंत्री श्री सत्यपालसिंह शामिल होंगे। समापन सत्र के बाद शाम 4 बजे श्री महाकालेश्वर मन्दिर से
शोभायात्रा निकाली जायेगी। इसी दिन प्रात: 9 बजे प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जायेगा। प्रदर्शनी में
शैव कला संगम में आये कलाकारों द्वारा बनाये गये चित्रों का प्रदर्शन होगा। साथ ही प्रदर्शनी में
सत्यनारायण मौर्य बाबा द्वारा शिव के स्वरूप पर बनाई गई कृतियों का प्रदर्शन भी होगा।
श्री विभाष उपाध्याय ने बताया कि 6 जनवरी को विभिन्न चार स्थानों पर बनाई गई
व्यासपीठों पर विद्वानों द्वारा शैव दर्शन, पूजा पद्धति एवं प्रबंध व्यवस्थाओं पर चर्चा की जायेगी।
महाकालेश्वर प्रवचन हॉल में पूजा पद्धति व कर्मकाण्ड पर, सन्तदास उदासीन आश्रम में स्थापित
व्यासपीठ पर सामाजिक समरसता पर, झालरिया मठ के आन्तरिक हॉल में स्थापित व्यासपीठ पर
शैव दर्शन के महात्म्य पर तथा झालरिया मठ के बाह्य हॉल में स्थापित व्यासपीठ पर मन्दिरों की
प्रबंध व्यवस्था पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों से आये विद्वान, पुरोहित एवं प्रबंध कार्य में लगे विशिष्ट
व्यक्ति चर्चा करेंगे।
प्रबंध समिति के सदस्य श्री जगदीश शुक्ल ने बताया कि सम्पूर्ण कार्यक्रम की व्यवस्था 17
उप समितियों के माध्यम से की जा रही है। आगन्तुकों के आवास, भोजन एवं परिवहन की व्यवस्था
सुव्यवस्थित कर ली गई है। प्रेसवार्ता का संचालन उप संचालक जनसम्पर्क श्री पंकज मित्तल ने किया।