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साल की पहली जनसुनवाई में आये 70 से अधिक आवेदन


उज्जैन । वर्ष 2018 की पहली जनसुनवाई में बृहस्पति भवन में आये 70 से अधिक आवेदनों के निराकरण हेतु वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। ग्राम बड़नगर निवासी गोपाल पिता मूलचन्द ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनके स्वामित्व की कृषि भूमि की सही तरीके से नपती नहीं की गई है। अत: उनकी भूमि की नपती पुन: कराई जाये। इस पर तहसीलदार बड़नगर को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    विक्रम नगर उज्जैन निवासी कमलाबाई पति रामभरोसे ने आवेदन दिया कि उन्हें राजीव आवास योजना के अन्तर्गत सन 1984 में मकान का पट्टा प्रदाय किया गया था, परन्तु एक साल बाद घर में चोरी हो जाने के कारण उनके मकान का पट्टा भी सामान के साथ चला गया है। अत: उन्हें मकान का दूसरा नया पट्टा दिया जाये। इस पर आयुक्त उज्जैन नगर पालिक निगम को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु आवेदन अग्रेषित किया गया।
    गांव चन्देसरा निवासी कन्हैयालाल पिता राजाराम ने आवेदन दिया कि वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर कृषि कार्य करते हैं। उज्जैन के एक स्थानीय व्यक्ति के स्वामित्व की कृषि भूमि पर कृषि कार्य हेतु उन्हें सालाना की दर से लीज पर दी गई थी। प्रार्थी द्वारा लीज की शर्त के मुताबिक भूमिस्वामी को कुछ रूपये दिये गये थे तथा बाकी की राशि फसल काटने के बाद देना तय की गई थी। प्रार्थी द्वारा कड़ी मेहनत और परिश्रम से भूमि पर तीन अलग-अलग फसलें लगाई गई हैं, जिन्हें बाजार में बेचने पर अच्छा दाम मिलना तय है, लेकिन वर्तमान में भूमिस्वामी द्वारा फसल पक जाने के बाद उन्हें जमीन से निकाल दिया गया है और उनका पारिश्रमिक भी उन्हें देने में आनाकानी की जा रही है। आवेदक ने फसल में लगाई गई लागत दिलवाये जाने और भूमिस्वामी के विरूद्ध उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया, जिस पर तहसीलदार उज्जैन को जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    ग्राम भोड़ल्या तहसील तराना निवासी जितेन्द्र पिता गोकुल ने आवेदन दिया कि वे दिव्यांग हैं और उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की सीधी भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन दिया था। अत: उन्हें शासन द्वारा निर्धारित किये गये रिक्त पदों पर योग्यता अनुसार नौकरी का अवसर दिया जाये। इस पर जिला रोजगार अधिकारी को उचित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये।
    ग्राम लसुड़िया बेचर तहसील तराना निवासी मोहनबाई पति बनेसिंह गुर्जर ने आवेदन देकर शिकायत की कि उनके दांये पैर में दर्द के इलाज के लिये उन्होंने गांव के स्थानीय निजी दवाखाने में एक डॉक्टर से इलाज कराया था। डॉक्टर द्वारा उचित इलाज नहीं करने और बीमारी का पता नहीं लगा सकने के कारण उनके दांये पैर में विष फैल गया और उन्हें कटवाना पड़ा। आवेदिका ने उक्त डॉक्टर के विरूद्ध न्यायिक कार्यवाही करने का निवेदन किया, जिस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन को तत्काल कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार आये अन्य मामलों में अधिकारियों द्वारा जनसुनवाई की गई।

 

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