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अग्रवाल सिंहस्थ समिति ने सिंहस्थ में काम कराया पर भुगतान नहीं किया


सिंहस्थ में लगे वाटर कूलर, प्यूरीफायर के 23 लाख बकाया-मांगने पर समिति
पदाधिकारियों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप
उज्जैन। अग्रवाल सिंहस्थ समिति द्वारा सिंहस्थ 2016 में वाटर कूलर व
प्यूरीफायर लगाकर किया गया पुण्य कार्य विवादों में घिर गया है। आरोप है
कि समिति द्वारा करवाये गये इस कार्य का 23 लाख का भुगतान अब तक बकाया
है। यह भुगतान तो समिति द्वारा नहीं किया उल्टे लगाने वाले कंपनी के
किशोर बुंदेला ने समिति अध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों पर जाति सूचक
गालियां देने और भुगतान मांगने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप
लगाए हैं।
प्रोटेक एक्वा साल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के किशोर बुंदेला पिता
सुंदरलाल बुंदेला निवासी इंदौर ने अग्रवाल समाज सिंहस्थ समिति अध्यक्ष
अशोक गर्ग, शैलेन्द्र गर्ग, महेन्द्र गर्ग  आदि के पर आरोप लगाए है कि ये
लोग उनका 23 लाख का भुगतान अदा नहीं कर रहे उल्टा मांगने पर जातिसूचक
गालियां दे रहे तथा जान से मारने की धमकी दी जा रही है। किशोर बुंदेला के
अनुसार अशोक गर्ग, शैलेन्द्र गर्ग, महेन्द्र गर्ग द्वारा सिंहस्थ 2016
में वाटर कूलर व प्यूरिफायर लगाने की बात हुई थी। बाद में ऑर्डर देकर
मुझसे वाटर कूलर व प्यूरिफायर खरीदे साथ ही इनका रखरखाव भी सिंहस्थ में
किया गया। जिसका भुगतान 23 लाख अब भी बकाया है और कई बार मांगने के बाद
भी भुगतान नहीं किया गया। इन्होंने जबरदस्ती मेरी कंपनी के कर्मचारियों
इंजीनियरों को सिंहस्थ खत्म होने से एक दिन पहले रात को भगा दिया व मेरे
द्वारा लगाये गये रॉ मटेरियल, टूल कीट, प्यूरिफायर व वाटर कूलर बनाने के
काम आने वाले सामान व अनेक असली दस्तावेज जिसमें डेली सर्विस रिपोर्ट,
डिलेवरी चालान व बिलों की कॉपियां रजिस्टर व अन्य खर्चों का ब्यौरा व
अन्य शामिल है को बलपूर्वक दादागिरी करते हुए अवैध रूप से रख लिया। जब
मैने शिकायत की और जब्त सामान मांगा तो गंदी गालियां दी। किशोर के अनुसार
सिंहस्थ में पूरे समय इन सभी के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया तथा आर्थिक
शोषण कर शारीरिक कष्ट दिये व मानसिक रूप से परेशान किया। किशोर का आरोप
है कि वह अनुसूचित कर सदस्य है यह बात अग्रवाल समिति के लोगों को पहले से
पता थी इसलिए सभी मुझे छोटी जाति के हो कहकर अपमानित करते थे तथा मुझे व
मेरी कंपनी के कर्मचारियों को पंडाल में सोने नहीं दिया। सोने के लिए
चारपाई तक नहीं दी ना खाने के लिये बर्तन दिये। इसी प्रकार मेरी कंपनी के
कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा प्याउ के लिये मिले वाहन पास भी इनके
द्वारा निजी हित में उपयोग लिये गये। जब भी रूपये मांगे जाते तो
कर्मचारियों के सामने ही जातिसूचक गालियां दी जाती तथा जान से मारने की
धमकी देते। रूपयों के लिए फोन लगाए तो फोन नहीं उठाए। रूपये लेने उज्जैन
आता तो भगा देते हैं। पुलिस में शिकायत कर मांग की कि पूरे प्रकरण की
जांच एसपी स्तर पर करवाई जाए व इन व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
जाए। साथ ही रूपये वापस दिलाने की मांग करते हुए कहा कि यदि बकाया रूपये
नहीं मिले तो मेरा परिवार सड़क पर आ जाएगा। वहीं मेरी जान को भी खतरा है।

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