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वर्मी कंपोस्ट पर दिया दस दिवसीय प्रशिक्षण


उज्जैन। सेवा सहकारी संस्था मर्यादित दताना के ग्राम मताना कला में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं महिला दुग्ध सहकारी समिति मर्यादित के सदस्यों का पशुपालन एवं वर्मी कंपोस्ट विषय पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना द्वारा दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण का शुभारंभ डॉ. महेश बामनिया, कृपा वेलफेयर के गोपाल गुप्ता एवं परियोजना के प्रेमसिंह झाला द्वारा किया गया। शिविर के समापन अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पशु चिकित्सा केन्द्र के मोबाईल यूनिट प्रभारी डॉ. जी.जी. गोस्वामी एवं विशेष अतिथि फादर एंथोनी थे। अध्यक्षता कृपा वेलफेयर सोसायटी के निर्देशक फादर सुनील जार्ज ने की। संचालन एवं स्वागत भाषण देते हुए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना के प्रभारी अधिकारी चंद्रशेखर बैरागी ने परियोजना एवं प्रशिक्षण संबंधित जानकारी दी तथा अतिथियों एवं प्रशिक्षणार्थियों का आभार माना। समापन अवसर पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
सिखाया पशुओं को कैसे रखें
इस प्रशिक्षण में डॉ. महेश बामनिया ने पशुपालन एवं जैविक खाद पर आठ दिवसीय प्रशिक्षण दिया साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को देवास की उन्नत गौशाला में भ्रमण के लिए ले जाया गया जहां पशुओं को कैसे रखा जाता है, उन्हें कैसे खिलाया जाता है, कैसे पोष्टिक आहार दिया जाता है, कैसे दूध निकाला जाता है, दूध निकालते वक्त कौन-कौन सी सावधानियां रखी जाती हैं, साथ ही गौमूत्र और गोबर से जैविक खाद कैसे तैयार किया जाता है, वर्मी कंपोस्ट एवं जैविक कीटनाशक बनाना, उसके उपयोग में क्या-क्या सावधानियां होनी चाहिये के बारे में बताया।
प्रशिक्षित होकर मेहतन करे तो अधिक उत्पादन करेगा किसान
डॉ. जी.जी. गोस्वामी ने कहा कि आज की कृषि के परिदृश्य को देखते हुए पशुपालन अनिवार्य है जिससे कृषि से अतिरिक्त आय होती है व कृषक को इससे लाभ होता है। पशुपालन, कृषि के साथ आसानी से किया जा सकता है। कृषक जितनी मेहनत करता है यदि वह प्रशिक्षित होकर सही दिशा में करें तो कम मेहनत में ही अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकता है साथ ही पशुपालन से जैविक कृषि, जलवायु एवं पर्यावरण में भी सहायता मिलती है। इसलिए पशुपालन करने के लिए प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होंने विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी एवं उससे कैसे लाभ ले सके के बारे में भी बताया।
प्रशिक्षण से व्यवहारिक ज्ञान भी मिलता है
फादर एंथोनी ने कहा कि प्रशिक्षण से पशुपालन में तो उन्नति आएगी ही लेकिन साथ ही इससे नेतृत्व का विकास भी होता है एवं नवीन ज्ञान प्राप्त होता है। सुनील जार्ज ने कहा इस प्रकार के प्रशिक्षण से आपकी आर्थिक उन्नति होगी, आपकी उन्नति से गांव की उन्नति होगी, समाज की उन्नति होगी साथ ही देश की उन्नति होगी। प्रशिक्षण से केवल संबंधित विषय का ज्ञान ही नहीं अपितु व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त होता है। साथ ही उन्होंने कृपा वेलफेयर द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।  

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