किसान पाले के प्रति संवेदनशील रहें कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी
उज्जैन । कृषि विभाग के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि दोपहर बाद शाम के समय आसमान साफ हो, हवा शान्त हो एवं तापमान में कमी के साथ गलावट बढ़ती जा रही है तो उस रात पाला पड़ने की प्रबल संभावना होती है। ऐसी स्थिति में किसान पाले के प्रति संवेदनशील रहकर अपनी फसल अरहर, मटर, बैंगन, आलू आदि के बचाव हेतु तैयार रहकर सुझाये गये उपायों पर ध्यान दें।
कृषि विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि किसान पाला पड़ने की आशंका पर सर्वप्रथम अपने खेत में हल्की सिंचाई करें। रात को 10 बजे के बाद खेत की उत्तर एवं पश्चिम दिशा की मेड़ों पर धुंआ करें या सल्फर डस्ट 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से भुरकाव करें या जल में घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से खड़ी फसल पर छिड़काव करें या थायोयूरिया 15 ग्राम प्रति पम्प 15 लीटर की दर से पानी में घोलकर खड़ी फसल में छिड़काव करें। तनु सल्फ्यूरिक अम्ल 15एमएल प्रति पम्प की दर से सावधानीपूर्वक घोल बनाकर खड़ी फसल पर छिड़काव करें। जैविक नियंत्रण के लिये 500 एमएल ताजा गोमूत्र या 500 एमएल गाय के दूध को प्रति पम्प की दर से घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। स्थाई समाधान के लिये खेत के उत्तर-पश्चिम दिशा में वायुरोधक वृक्षों की बाढ़ लगाना चाहिये।