दिव्यांग पार्क दिव्यांगजनों के साथ-साथ आमजन के लिये भी खुला रहेगा
उज्जैन । संवेदना पर आधारित विक्रम वाटिका के पास निर्मित हो रहे दिव्यांग पार्क में न केवल दिव्यांगजन बल्कि वरिष्ठजनों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिये भी यह पार्क खुला रहेगा। 2.44 हेक्टेयर में तीन करोड़ रूपये लागत से निर्मित हो रहे इस पार्क में अनेकों विशेषताएं रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस पार्क का भूमि पूजन केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत द्वारा विगत 23 दिसम्बर को किया गया है।
दिव्यांग पार्क की विशेषताओं में यहां पर पृथक-पृथक पार्क एवं सेन्टर्स का निर्माण किया जाना प्रमुख है। पार्क में अरोमा पार्क विकसित किया जायेगा। इसमें दिव्यांगजन सुगन्ध के माध्यम से पार्क में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के फूल, पौधों एवं वृक्षों के बारे में अनुभूति प्राप्त कर सकेंगे। पार्क में ओरिएंटेशन सेन्टर विकसित होगा। इसमें विंडचाइम, ब्रेल संकेतक, कृत्रिम झरनों की सुविधा के साथ विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के कलरव से दिव्यांग ध्वनि एवं स्पर्श के माध्यम से अनुभूति प्राप्त कर सकेंगे। यही नहीं पार्क में विभिन्न प्रकार के कांटेरहित पौधों के बारे में, जिन्हें स्पर्श करना सुरक्षित हो, के माध्यम से दिव्यांग अनुभूति कर सकेंगे। साथ ही पार्क में विभिन्न प्रकार की खाद्य वनस्पतियां, जिनमें फल, बैर आदि के साथ औषधियुक्त पौधों के बारे में दिव्यांगजनों को अनुभूति कराई जायेगी। दिव्यांग पार्क में हॉल ऑफ फेम का निर्माण होगा, जहां पर दिव्यांग व्यक्तियों की उपलब्धियों पर आधारित पेंटिंग होगी। साथ ही दिव्यांगजनों को सूचना एवं जारूकता हेतु जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। पार्क में ऑडियो म्युजिक सेन्टर निर्मित होगा, जिससे दिव्यांग गाना, बजाना, कराओके एवं संगीत सीख सकेंगे। इसी के साथ एक ओपन थिएटर का निर्माण भी किया जायेगा, जहां पर दिव्यांगों के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने की सुविधा रहेगी।
दिव्यांग पार्क में सभी संकेतक प्रतीकों के साथ होंगे, जो ध्वनिमय होने से अधिक सुविधाजनक रहेंगे। सभी पाथवे पर दिशा-प्रदर्शक टाईल्स का उपयोग किया जायेगा, जिससे दिव्यांगजनों को दिशाज्ञान हो सकेगा। पार्क में दिव्यांगजन की सुविधा हेतु पर्याप्त विश्राम स्थल, स्थान-स्थान पर पेयजल एवं प्रसाधन घरों की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। उद्यान में विशेष छाया स्थलों के लिये कृत्रिम घांस के मैदान व अल्ट्राआधुनिक फेब्रिक छतों का इस्तेमाल होगा। स्टेनलेस स्टील के प्लेटों पर ब्रेल लिपि में जानकारी सुसज्जित कराई जायेगी। पाथवे पर लगी हुई रेलिंग पर भी ब्रेल लिपि में संकेतक उत्कीर्ण होंगे, जिससे दृष्टिबाधितों को सुगमता होगी।