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महाकवि कालिदास का साहित्य सबके लिये प्रेरणादायक है –मंत्री श्री विजय शाह


उज्जैन में राज्य स्तरीय शालेय कालिदास समारोह सम्पन्न

      उज्जैन । उज्जैन एक ऐतिहासिक नगरी है। यहां महाकवि कालिदास ने सृजन किया है। महाकवि द्वारा रचित साहित्य हम सबके लिये प्रेरणादायक है। कालिदास ने प्रकृति प्रेम को अपने हृदय में रचा-बसाकर अपने काव्य का सृजन किया है। उनके द्वारा साहित्य में प्रदत्त सन्देश का हम अनुसरण करते हुए प्रकृति, गुरूओं तथा महिलाओं का सम्मान करें। यह उद्गार प्रदेश के प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री कुं.विजय शाह ने आज उज्जैन में महाकाल सभा मण्डप महाकाल मन्दिर परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय कालिदास समारोह के समापन अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ.मोहन गुप्त ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय की प्राध्यापक डॉ.पूजा उपाध्याय, लोकमान्य तिलक स्कूल प्राचार्य डॉ.अशोक कड़ेल, मप्र फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष श्री ओम जैन तथा प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा श्री संजय गोयल उपस्थित थे।

      कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह ने कहा कि उज्जैन का महत्व ऐतिहासिक है। यह कालगणना का केन्द्र है। पवित्र शहर होने के साथ ही यहां महाकवि कालिदास ने अपने साहित्य का सृजन किया है। संस्कृत भाषा की अपनी महत्ता है। यह एक महान भाषा है। हम चाहेंगे कि यह पूरे देश में अनिवार्य रूप से सिखाई जाये। जो संस्कृत विद्यालय संचालित हैं, उनको प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक वर्ष उन दो प्रायवेट स्कूलों को 50-50 लाख रूपये की राशि दी जायेगी, जो संस्कृत भाषा का सुव्यवस्थित रूप से उच्च स्तर पर अध्ययन करायेंगे। भोपाल में कक्षा 6टी से 12वी  कक्षाओं तक का संस्कृत रहवासी स्कूल शुरू किया जा रहा है।

      शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से राज्य स्तरीय शालेय कालिदास समारोह में दी जाने वाली नगद पुरस्कार राशि में वृद्धि की जायेगी। अब प्रथम स्थान पर आने वालों को 15 हजार के स्थान पर 21 हजार रूपये, द्वितीय स्थान पर आने वालों को 10 हजार के स्थान पर 15 हजार रूपये तथा तृतीय स्थान पर आने वालों को 5 हजार के स्थान पर 11 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे। शिक्षा मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वर्तमान आयोजित समारोह के प्रथम, द्वितीय स्थान अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को भोपाल बुलाकर मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित कराया जायेगा। इसके साथ ही उन बच्चों को भोपाल के आसपास के दर्शनीय स्थलों के भ्रमण की व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने कालिदास के साहित्य में प्रकृति प्रेम को अनुसरणीय बताते हुए कहा कि यदि हमने उनके सन्देश का अनुसरण किया होता तो हमारी नदियां सदानीरा रहती, ग्लोबल वार्मिंग का सामना भी हमें नहीं करना पड़ता। कालिदास के सन्देश अनुसार ही राज्य शासन अनेक बिन्दुओं पर अपना कार्य कर रहा है। प्रकृति संरक्षण के तहत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा संरक्षण यात्रा आयोजित की गई। कन्या संरक्षण के लिये कड़ा कानून बनाया जाकर दुराचारियों को फांसी दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

      इसके पूर्व अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ.मोहन गुप्त ने कहा कि यह कार्यक्रम अपनी गरिमा के अनुसार स्तरीय आयोजन है। उज्जैन कला एवं साहित्य की भूमि है। यहां प्राचीनकाल से ही कलाएं पनपती रही हैं। उज्जैन ऐतिहासिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण नगर है। महाकवि कालिदास ने यहां अदभुत रूप से अपने साहित्य का सृजन किया है। उनके साहित्य में मनुष्य और प्रकृति तथा मनुष्य और मनुष्य के मध्य एक अदभुत तादात्म्य देखने को मिलता है। उन्होंने मनुष्य की मनोभावनाओं का कुशलता से चित्रण अपने साहित्य में किया है। इसके अनेक उदाहरण उनके काव्य में मिलते हैं। कालिदास का साहित्य एक अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। यह मात्र एक भाषा ही नहीं, बल्कि अनेक विधाएं एवं विज्ञान का अपने में समावेश किये हुए है।

      डॉ.पूजा उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि कालिदास ने अदभुत साहित्य रचा है। उनके साहित्य में संस्कृति के सूत्र रचे-बसे हैं। छोटे-छोटे श्लोकों में संस्कृति की विविधता देखने को मिलती है। श्री ओम जैन ने कहा कि कालिदास प्रकृति प्रेमी थे। अत: हमें उनके दिये गये सन्देश अनुसार अधिकाधिक वृक्षारोपण करना चाहिये। डॉ.अशोक कड़ेल ने भी सम्बोधित किया। स्वागत उद्बोधन प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा श्री संजय गोयल ने दिया। कार्यक्रम में श्री राजेन्द्रप्रकाश गुप्त ने भी सम्बोधित किया। प्रारम्भ में अतिथियों का शाल, श्रीफल से सम्मान किया गया। अतिथियों द्वारा पत्रिका विशाला का विमोचन भी किया गया। प्रारम्भ में कालिदास के साहित्य पर आधारित नाटिकाओं का मंचन बालिकाओं द्वारा किया गया। अतिथियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।    

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