अधिकारियों की टेबल पर रखे फिर पीएचई कार्यालय के बाहर फोड़े मटके
6 महीने से नहीं मिल रहा पीने का पानी, मजदूरी छोड़कर समस्या सुनाने आए, 11.30 बजे तक नहीं आए अधिकारी तो गुस्साए लोग
उज्जैन। 6 महीने से पानी के लिए परेशान वार्ड क्रमांक 52 के विक्रम गांधीनगर के रहवासी शनिवार को नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के नेतृत्व में दशहरा मैदान स्थित पीएचई कार्यालय पर अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे, लेकिन 11.30 बजे तक वहां उनकी समस्याएं सुनने वाला न कोई अधिकारी मिला और न ही कर्मचारी, गुस्साएं रहवासियों ने पहले अधिकारियों की खाली कुर्सी के सामने खाली मटके रख दिये, काफी देर इंतजार के बाद भी कोई अधिकारी उन्हें सुनने नहीं आया तो यही मटके कार्यालय के बाहर ले जाकर फोड़ दिये।
राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार विक्रम गांधीनगर के रहवासियों को पिछले 6 महीने से पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। यहां पीएचई की पाईप लाईन डली हुई है लेकिन प्रेशर नहीं आ रहा जिससे 150 से अधिक परिवार पीने के पानी से वंचित हैं। यहां रहने वाले अधिकतर गरीब परिवार से हैं जो कई बार अपना काम मजदूरी छोड़कर अधिकारियों के सामने अपनी शिकायतें लेकर गए लेकिन इनकी समस्याओं का कोई हल नहीं निकला। शनिवार को भी हाथों में खाली मटके लेकर रहवासी अपनी पीड़ा बताने पीएचई कार्यालय पहुंचे थे लेकिन सुबह 10 बजे से कार्यालय पर अधिकारियों, कर्मचारियों का इंतजार कर रहे लोगों का गुस्सा तब फूट पड़ा जब 11.30 बजे तक भी कोई कर्मचारी अधिकारी यहां उनकी फरियाद सुनने नहीं आया। लोगों ने अधिकारियों की खाली कुर्सी के सामने टेबल पर खाली मटके रख दिये लेकिन इंतजार के बाद भी जब कोई सुनने नहीं आया तो खाली मटके पीएचई कार्यालय के बाहर ले जाकर फोड़ दिये। पार्षद आत्माराम मालवीय, हिम्मतलाल देवड़ा, गुलनाज नासिर, कैलाश मालवीय, तेजकरण विश्वकर्मा, जगदीश मालवीय, शांताबाई, शंकरसिंह, सुनील बाघेला, भागीरथ, रामप्यारीबाई आदि ने महापौर और नगर निगम अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि पानी नहीं मिला तो आगे और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं राजेन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि उज्जैन नगर निगम शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने और उज्जैन स्मार्ट सिटी की बात करते हैं लेकिन अब भी शहर के 20 प्रतिशत क्षेत्रों में पानी नहीं दे पा रहे हैं। अधीक्षण यंत्री, अपर आयुक्त सभी अधिकारियों को कई बार निवेदन करने के बाद भी लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है।