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एक मंदिर ऐसा भी : जहां मुर्दे भी हो जाते हैं जीवित



देहरादून। भारत का सांस्कृतिक इतिहास बहुत ही प्राचीन है। पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो अनेकता में एकता की अवधारणा को साकार करता है। यह देश चमत्कारों से भरा हुआ है। भारत में आपको कई ऐसे मंदिर मिल जायेंगे जो कि आश्चर्यजनक है। जिसमें से कई आश्चर्य ऐसे भी हैं जिनका रहस्य आजतक पता नहीं चला है।

लोगों की आस्था के केन्द्र ये मंदिर अपने विशिष्ट पहचान के कारण आज भी श्रद्धा का केन्द्र बने हुए हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां ऐसी मान्यता है कि मृत व्यक्ति भी जीवित हो जाते हैं।

हम अक्सर यह सुनते हैं कि एक आदमी मरने के बाद अचानक जिंदा हो गया।

यह बाते सुनने में आपको भले ही अजीब लगे लेकिन देश में एक ऐसा भी मंदिर हैं जहां मुर्दे भी उठकर बैठ जाते हैं। इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली है। उत्तराखंड के देहरादून से 128 किलोमीटर दूर लाखामंडल नामक स्थान पर स्थित इस मंदिर के चमत्कारिक शक्तियों से भरा पड़ा है।

हिमालय की वादियों में प्रकृति के गोद में स्थित यह मंदिर मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी के अनेक प्राचीन मंदिरों से घिरा यह मंदिर लोगों के आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इसके अलावा यहां हुई खुदाई में कई प्राचीन शिवलिंग प्राप्त हुए हैं। जहां बड़ी संख्या में लोग पूजा पाठ करते हैं।

कहा जाता है कि मंदिर में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है। अर्थात यह स्वयं ही प्रकट हुआ है। प्राचीन समय से ही लोगों की आस्था का केन्द्र बना यह मंदिर आज भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।

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