आचार्य श्रीसंघ का हुआ मंगल विहार
पिछी परिवर्तन के साथ ही कलश निष्ठापन एवं कलश वितरण के साथ चतुर्मास संपन्न
उज्जैन। आचार्य प्रसन्न ऋषि महाराज का श्री दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में चल रहा चातुर्मास कार्तिक सुदी अमावस्या को खत्म होते ही रविवार को आचार्य श्रीसंघ का पिछी परिवर्तन के साथ कलश निष्ठावान एवं कलश वितरण का कार्य संपूर्ण समाज के बीच में संपन्न हुआ। जिसमें देशभर से आए भक्त शामिल हुए।
प्रातः 8.30 से सर्वप्रथम मंगलाचरण, चित्र अनावरण, विनयांजलि, पाद प्रक्षालन श्री गुरुदेव की पूजा, शास्त्र भेंट के साथ आरती हुई। तत्पश्चात आचार्यश्री के प्रवचन उपरांत पीछी परिवर्तन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें सर्वप्रथम आचार्य श्री एवं संघ को समाज द्वारा नई पीछी प्रदान की गई। पुरानी पीछी भी आचार्य श्री संघ ने समाज के लोगों को दी। आचार्यश्री प्रसन्न ऋषि महाराज की पीछी लेने का लाभ वीरसेन अजय कुमार जैन को प्राप्त हुआ, वीर सागर महाराज की पीछी सोहन लाल जैन एवं पुण्य मति माताजी की पीछी मुकेश पाटनी, पूज्य मति माताजी की पीछी संजय पहाड़िया, पूजा मति माताजी की पीछी सुशीला जैन को प्राप्त हुई। संपूर्ण संघ का पिछी परिवर्तन देखने के लिए समाज के हजारों लोग बोर्डिंग जैन मंदिर पहुंचे। तत्पश्चात कलश निष्ठापन एवं कलश वितरण का कार्य प्रारंभ हुआ। चातुर्मास प्रारंभ होने के साथ ही चतुर्मास का कलश समाज के विशिष्ट लोगों द्वारा चतुर्मास कराने के उद्देश्य से स्थापित किया जाता है। यह कलश 4 माह तक आचार्यश्री एवं मुनिश्री के सानिध्य में जहां पर भी उनका चतुर्मास होता है वही रखकर उसकी विधि विधान पूर्वक 4 माह तक पूजा आदि की जाती है। तत्पश्चात जिन भी लोगों द्वारा यह कलश स्थापित किए जाते हैं उन लोगों को चतुर्मास समाप्त होने के पश्चात यह कलश प्रदान किए जाते हैं ताकि वह अपने घर में उन कलशों की स्थापना कर पूजा पाठ करें और अपने जीवन को साकार करें। इन्हीं उद्देश्यों को मद्देनजर रखते हुए उज्जैन ही नहीं पूरे देश में मुनि और आचार्यों द्वारा चतुर्मास कलश स्थापित किए जाते हैं और उन्हें बाद में समाज के जिन भी लोगों ने यह स्थापित किए हैं उनको प्रदान किए जाते हैं। जो लोग कलश प्राप्त करते हैं वह बड़े ही सौभाग्यशाली व्यक्ति माने जाते हैं। आचार्य श्री ने अपने प्रवचन के माध्यम से कलश स्थापित करने का महत्व बताते हुए पीछी का प्रधान करना और पीछी का प्राप्त करने का भी महत्व समाज जनों को बताया। तत्पश्चात संपूर्ण समाजजनों का वात्सल्य भोज दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में हुआ। समाज के सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि दोपहर में आचार्य श्री संघ का जिनमें दो महाराज एवं तीन माताजी हैं का विहार श्रवण बेलगोला बाहुबली के लिए प्रारंभ हो गया। जिसमें सर्वप्रथम देवास खातेगांव होते हुए आचार्य श्री संघ नेमावर पहुंचेंगे। आचार्य श्री संघ को पैदल बिहार कराने का अनुरोध बोर्डिंग दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष इंदरचंद जैन एवं महेंद्र काका ने किया एवं मंच संचालन शैलेंद्र सूरज मल जैन ने किया।