डीजेजेएस ने मिट्टी के दीपक जलाकर समाज को भारतीय संस्कृति की ओर प्रेरित करते हुए प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा इको-फ्रेंडली दिवाली मनाई गई
डीजेजेएस ने प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाकर समाज को भारतीय संस्कृति की ओर प्रेरित किया
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के दिल्ली स्थित पीतमपुरा आश्रम में प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई गई| जिसमें मिट्टी के दीपक जला कर समाज को प्रो-एनवायरनमेंटल/इको-फ्रेंडली “ग्रीन दिवाली” मनाने का संदेश दिया व भारतीय संस्कृति की ओर प्रेरित भी किया| श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य एवं शिष्याओं ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए सुमधुर भजनों एवं प्रवचनों में यह बताया कि यूँ तो दिवाली समृद्धि का त्यौहार है परन्तु गत कई वर्षों से इस दिन पटाखों के कारण कई विषैली गैसे पर्यावरण को प्रदूषित करती आ रही है| जिससे कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं समाज में बढ़ रही है| पटाखों के धमाकों से जहाँ एक ओर ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है वहीँ पशु-पक्षी भी इस प्रदूषित वातावरण से पीड़ित होते हैं| पर्यावरण संरक्षण हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की सभी शाखाओं ने लोगों को कई गतिविधियों द्वारा इस विषय पर जागरूक भी किया| इसमें हजारों लोगों ने भाग लिया| “GREEN DIWALI” के अंतर्गत आश्रम में प्लास्टिक लाइट्स का प्रयोग नहीं किया| बल्कि हजारों मिट्टी के दीयों से आश्रम को प्रकाशित कर पारंपरिक पर्यावरण के अनुकूल तरीके से आध्यत्मिक दीपावली को मनाया गया| आश्रमों को सुन्दर पारंपरिक रंगोलिओं द्वारा भी सजाया गया| इस अवसर पर लक्ष्मी व गणेश पूजन हेतु भजनों व स्तुतिगान भी किया गया| इस प्रकार, शोर और पटाखों के प्रदूषण से मुक्त दीवाली को पूरी तरह से पारंपरिक शैली में मनाकर समाज को सांस्कृति के आधार पर यह त्यौहार मनाने का सन्देश दिया तथा इस प्रयास द्वारा पर्यावरण सुरक्षित दीवाली मनाने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया|