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वर्ल्ड बैंक ने की भारतीय GST की तारीफ, इससे 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की संभावना


वर्ल्ड बैंक के भारत प्रमुख जुनैद अहमद ने जीएसटी को देश की कराधान नीति में संरचनात्मक बदलाव करार दिया. उन्होंने कहा है कि इससे 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की संभावना मजबूत हुई है.

नोटबंदी और जीएसटी के बाद देश का विकास दर गिरने के चलते चारों ओर से आलोचना का शिकार नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए निश्चत तौर पर वर्ल्ड बैंक का यह बयान राहत देने वाला है.

भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2016-17 में 7.1 प्रतिशत तथा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत रही.

अहमद ने उद्योग मंडल के एक कार्यक्रम में कहा, "भारत आज संभवत: आठ प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर हासिल करने की कगार पर है...क्योंकि भारत ने देश को एक बाजार में बदलने का बहुत साहसिक कदम उठाया है. इसीलिए जीएसटी का लागू होना एक संरचनात्मक बदलाव है."

यहां उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर्स आफ कॉमर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कुशल तरीके से क्रियान्वित होता है तो जीडीवी वृद्धि दर को काफी गति मिलेगी.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि आंकड़े आने के बाद से ही केंद्र की मोदी सरकार में चिंता व्याप्त है. वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि 5.7 प्रतिशत रही, जो तीन साल का न्यूनतम स्तर है. इससे पूर्व वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 7.9 प्रतिशत तथा पिछली तिमाही जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही थी.

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगातर छठी तिमाही में घटी है. आर्थिक समीक्षा-दो में यह अनुमान जताया गया है कि अपस्फीति दबाव के कारण चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना संभव नहीं होगा.

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