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केंद्र द्वारा ओबीसी के लिए की गई घोषणाएँ : लक्ष्य 2019



डॉ. चंदर सोनाने
 
                     केंद्र सरकार ने कल 23 अगस्त 2017 को ओबीसी के पक्ष में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएँं की । देश में कुल 39 करोड़ आबादी ओबीसी की है। इनके लिए केंद्र द्वारा दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहला फैसला ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपये सालाना कर दी गई है। दूसरा महत्वपूर्ण फैसला यह किया गया है कि ओबीसी की सेंट्रल लिस्ट में जातियों के लिए कोटे के अंदर कोटा तय करने की मंजूरी दी गई है। अर्थात ओबीसी में जो अत्यंत पिछड़ी जातियाँ है , उनको लाभ देने के लिए सब कैटेगरी बनाई जाएगी। जातियों की सब कैटेगरी बनाने के लिए एक पृथक आयोग का गठन भी किया जाएगा। आयोग को गठन के 12 हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट देना होगी।
                     केद्र सरकार द्वारा लिए गए उक्त दो महत्वपूर्ण फैसले के पीछे केंद्र में काबीज भाजपा सरकार की नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव है। यह सब घोषणाएँ 2019 में  भाजपा सरकार दूसरी बार बनाने के लिए की जा रही है। बताया यह जा रहा है कि ये दोनो फैसले सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत पिछड़े को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए है। किंतु इसके राजनीतिक उद्देष्य बिल्कुल स्पष्ट है। केंद्र सरकार का लक्ष्य 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव ही है।
                      केंद्र सरकार का इस संबंध में यह कहना है कि अभी तक आरक्षण के लाभ से वंचित रही जातियों को इस कदम से फायदा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में कुल आबादी की 50 प्रतिशत आबादी ओबीसी है। अर्थात केंद्र सरकार के इस फैसले से मध्यप्रदेश के करीब 3 करोड़ 25 लाख लोग प्रभावित होंगे। प्रदेश के लगभग 2 करोड़ 90 लाख लोगों को इस फैसले का सीधा लाभ मिल सकेगा। 
                      राजनीतिक विश्लेषक बताते है कि इस फैसले से ओबीसी की 39 करोड़ आबादी जुड़ी है। हिन्दी पट्टी में सन् 2014 के चुनाव में ओबीसी मतदाता निर्णायक के रूप मे सामने आए थे। उस समय भाजपा को 34 प्रतिशत ओबीसी वोट मिले थे। हिन्दी पट्टी में यह वर्ग निर्णायक है। यूपी में 71 सांसदों में से 26 सांसद ओबीसी के है। भाजपा अब ओबीसी की छोटी जातियों के सहारे मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल, बिहार आदि प्रदेशो में भी आगामी चुनाव में कामयाबी हासिल करना चाहती है। 
                     ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर 24 साल में चौथी बार बढ़ाई गई है। सन् 1993 में क्रीमी लेयर एक लाख रूपये थी । दूसरी बार इसे बढ़ाकर 4.5 लाख रूपये कर दी गई थी। सन 2013 मे तीसरी बार क्रीमी लेयर 4.5 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रूपये की गई थी। केंद्र सरकार के इस ताजा फैसले से ओबीसी के और ज्यादा लोग आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे। ओबीसी के ही कुछ संपन्न वर्ग आरक्षण का ज्यादा फायदा ले रहे थे। ओबीसी में कई जातियाँ हैं , जो अत्यंत पिछडी हुई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सन् 1992 में सभी को समान मौका देने के लिए सब कैटेगरी की व्यवस्था करने को कहा था। किंतु 25 साल बाद अब जाकर 2017 में सब कैटेगरी की व्यवस्था की जा रही है। ओबीसी की सभी जातियों को अब समूह में बांटने पर उनके बीच कुल 27 प्रतिशत आरक्षण का बंटवारा किया जाएगा। 
                     केंद्र की ओबीसी की सूची में वर्तमान में पाँच हजार से भी ज्यादा जातियाँ शामिल है। आरक्षण के बावजूद कई जातियाँ अभी भी सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़ी हुई है। केंद्र के इस फैसले से निश्चित रूप से उन्हें लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा भले ही राजनीतिक दृष्टिकोण से उक्त निर्णय लिया गया है ,किंतु इससे निश्चित रूप से ओबीसी की जातियों के अंदर ही अत्यंत पिछडी जातियों को फायदा होगा। केंद्र सरकार का यह फैसला उनके लिए एक वरदान साबित होगा। 
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