31 जुलाई तक जरूरी है ITR फाइल करना, नहीं तो होंगे ये नुकसान
31 जुलाई आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख है. हालांकि बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग कारणों से इस तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं, जबकि इनकम टैक्स नियमों में तेजी से तब्दीली हो रही है. यहां तक कि अगर 31 मार्च तक आपने आईटीआर फाइल नहीं किया तो आपको 5000 रुपए पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है. हम यहां पर देरी करने के 5 नुकसान की चर्चा कर रहे हैं.
पहला नुकसान, अगर आपने नोटबंदी के दौरान यानी 9 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 के बीच कैश में 2 लाख या इससे अधिक रुपए अकाउंट में जमा किए तो 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करना आपके लिए जरूरी है. वित्त वर्ष 2016-17 के सभी आईटीआर के लिए इसे मेंशन करना बाध्यकारी कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में टैक्स विभाग अपने क्लीन मनी ड्राइव के तहत नोटिस भेजकर आपसे पूछ सकता है कि आपने इस तारीख तक रिटर्न फाइल करके इस रकम की चर्चा क्यों नहीं की.
दूसरा नुकसान- अगर आप 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आपको खुद द्वारा चुकाए गए एडवांस टैक्स/टीडीसी पर अप्रैल से लेकर जुलाई तक का ब्याज नहीं मिलेगा. अगर आप 31 जुलाई के एक दिन बाद भी रिटर्न फाइल कर देते हैं तो भी आपको इन चार महीनों के ब्याज से संतोष करना पड़ सकता है.
तीसरा नुकसान- अगर आप देर से रिटर्न फाइल करते हैं तो स्पेकुलेशन यानी वायदा समेत सभी बिजनेस, कैपिटल गेंस और अन्य स्रोतों से होने वाले घाटे को आगे नहीं दिखा सकते हैं. अगर आपने इन मामलों में सभी टैक्स समय पर चुका भी दिए हैं तो भी आप उन्हें बाद में नहीं दिखा सकते.
चौथा नुकसान- अगर आप पर कोई टैक्स लायबिलिटी बची हुई है तो तय तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर आप पर रिटर्न की तय तारीख के बाद हर महीने के हिसाब से एक फीसदी पेनल्टी ठोकी जाएगी. यानी जितने महीने उतने प्रतिशत पेनल्टी, जिसे हैवी कहा जा सकता है और जिससे बचा सकता है. इससे बड़ा नुकसान तब होगा जब एसेसमेंट ईयर के दौरान अगर आप रिटर्न फाइल नहीं करते हैं और बिना चुकाया गया टैक्स 3000 रुपए से अधिक हो जाता है तो आपके खिलाफ टैक्स विभाग कार्रवाई शुरू कर सकता है.
पांचवां नुकसान- अगर आपने 31 मार्च तक भी आईटीआर फाइल नहीं किया और आप इस देरी की संतोषप्रद वजह टैक्स विभाग को नहीं बता पाए तो आप पर 5000 रुपए का जुर्माना ठोका जा सकता है.