पासपोर्ट बनवाने के लिए अब नहीं पड़ेगी जन्म प्रमाण-पत्र की जरूरत
भारतीयों के लिए अब पासपोर्ट बनवाना और सरल हो गया है. सरकार ने साफ किया है कि अब पासपोर्ट बनवाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट जरूरी नहीं रह गया है. आधार और PAN का उपयोग डेट ऑफ बर्थ के सबूत के तौर पर किया जा सकता है.
पहले थे ये रूल्स, अब हुए ये बदलाव
पासपोर्ट नियम 1980 के अनुसार, 26/01/1989 के बाद जिन लोगों का जन्म हुआ है, उनके लिए पासपोर्ट के लिए बर्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है. बहरहाल अब इस रूल को सरकार ने बदल दिया है, अब पासपोर्ट बनवाने के लिए आप इन डॉक्यूमेंटों का भी यूज कर सकते हैं- मान्यता प्राप्त शैक्ष्िाक बोर्ड के आवेदक की जन्मतिथि युक्त पिछले स्कूल में दाखिला/स्कूल छोड़ने/ मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट/ पैन कार्ड, आधार कार्ड, ई-आधार ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड और एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड भी मान्य होंंगे.
सरकार ने की आसानी से पासपोर्ट उपलब्ध कराने की कोशिश
सरकारी कर्मचारी अपने सर्विस और पेंशन रिकॉर्ड दे सकते हैं. विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने बताया कि ऐसा करने का उदेश्य लाखों लोगों को पासपोर्ट आसानी से उपलब्ध कराना है.
पासपोर्ट फीस में 10 प्रतिशत की छूट
8 साल से कम और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पासपोर्ट फीस में 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. साथ ही ऑनलाइन आवेदन करने वाले एप्लिकेंट सिर्फ एक अभिभावक का नाम ही दे सकते हैं, ऐसा करने से सिंगल पैरेंट्स को मदद मिलेगी.
पासपोर्ट फॉर्म के अनुलग्नकों का नंबर 15 से 9 कर दिया गया
पासपोर्ट फॉर्म के अनुलग्नकों का नंबर 15 से 9 कर दिया गया है, इसका सिर्फ प्लेन पेपर पर प्रिंट लिया जा सकता है, इन कागजों को आप सेल्फ अटेस्ट भी कर सकते हैं. अब इसके लिए आपको किसी भी नोटरी या कार्यकारी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी. इसका मतलब है कि जिन शादीशुदा जोड़ों का डाइवोर्स हो चुका है या वे अलग रह रहे हैं, उनके लिए मैरिज प्रमाण पत्र और अपने पति या पत्नी का नाम देना जरूरी नहीं होगा.