देश में पहली बार तीनों शीर्ष पदों पर आरएसएस के स्वयं सेवक
संदीप कुलश्रेष्ठ
देश में पहली बार ऐसा होगा कि संवैधानिक दृष्टिकोण से देश के तीनों शीर्ष पदों राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद पर आरएसएस के स्वयं सेवक होंगे। हाल ही में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में राष्ट्रपति पद पर श्री रामनाथ कोविंद चुन लिए गए हैं। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव अगले महिने अगस्त माह में होने जा रहे है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं आरएसएस के स्वयं सेवक रहे श्री वेंकैया नायडु भाजपा की ओर से उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। जिस प्रकार राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद विजयी घोषित हुए हैं, उसी प्रकार पूरी उम्मीद है कि श्री वैंकैया नायडू भी 5 अगस्त को होने वाले चुनाव में उपराष्ट्रपति के पद पर चुन लिए जाएँगे। प्रधानमंत्री के पद पर पूर्व से ही श्री नरेंद्र मोदी पदस्थ हैं।
सन् 2014 से देश के प्रधानमंत्री के पद पर श्री नरेंद्र मोदी कार्य कर रहे हैं। ये आरएसएस के स्वयंसेवक रह चुके हैं। वहीं से ये भाजपा में जाकर गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। इस प्रकार श्री नरेंद्र मोदी अटल बिहारी वाजपेयी के बाद दूसरे प्रधानमंत्री बने है, जो आरएसएस से है।
श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद तेजी से भाजपा का जनाधार बनाया । योजनाबद्व तरीके से उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आरएसएस के स्वयं सेवक रहे श्री अमित शाह को बैठाया। उसके बाद उन्होंने विभिन्न राज्यों में अपनी पेठ को बढ़ाते हुए अपने मुख्यमंत्री बनाएँ ।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में कमजोर वर्ग के अपने लक्ष्य को साधते हुए राष्ट्रपति पद के लिए दलित वर्ग के श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर देश भर को चौंका दिया। इसकी उम्मीद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं तक को नहीं थी । उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए आरएसएस के स्वयं सेवक रहे श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए चुनकर दलित वर्ग के लिए एक सकारात्मक पहल प्रस्तुत की। पिछले दिनों देश भर में विभिन्न घटनाओं से यह संदेश जा रहा था कि भाजपा दलित वर्ग के पक्ष में नहीं है। किंतु प्रधानमंत्री ने एक तीर से कई निशाने साधे । उन्होंने अपनी पसंद का और आरएसएस के स्वयं सेवक पद पर रहने वाले श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के पद पर विजयी घोषित करवा कर देष को पहली बार ऐसा राष्ट्रपति दिया , जो आरएसएस का स्वयंसेवक रहा है।
आगामी पांच अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री वेंकैया नायडु को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। जिस प्रकार राष्ट्रपति के पद पर भाजपा को विजयी प्राप्त हुई है, उसी प्रकार पूरी संभावना है कि उपराष्ट्रपति पद पर श्री वेंकैया नायडु आसानी से चुन लिए जाएँगे। श्री वेंकैया नायडु अपने जीवन के शुरूआत से ही आरएसएस के स्वयं सेवक रहे हैं। इस प्रकार देश के तीसरे महत्वपूर्ण पद पर श्री वेंकैया नायडु पदस्थ होने जा रहे है।
आज भाजपा राजनैतिक दृष्टिकोण से वैसे ही मजबूत हो गई है, जैसे 33 साल पहले कांग्रेस थी। सन् 1984 में 404 सीटें जीतकर स्व. श्री राजीव गांधी ने कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी । उस समय कांग्रेस के ही ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति पद पर और श्री वैंकटरमण उपराष्ट्रपति पद पर पदस्थ थे। उस समय देश के 17 राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी।
आज 2017 में भाजपा के ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं। राष्ट्रपति पद पर श्री रामनाथ कोविंद विजयी घोषित किए गए हैं। और 5 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी श्री वेंकैया नायडु आसानी से चुन लिए जाएँगे। इस समय देश के 17 राज्यों में भाजपा की सरकार भी है। यह ऐतिहासिक कारनामा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने रणनीतिक कौशल से कर दिखाया है।
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