इस गांव में हिन्दू हो या मुसलमान सभी करते है केवल संस्कृत में बात
कर्नाटक में तुंगा नदी के पास बसा है एक छोटा सा गांव मत्तुर. यह गांव इसलिए खास है क्योंकि गांव के लोग देवभाषा यानी संस्कृत में बातचीत करते हैं. गांव का हर एक व्यक्ति, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान संस्कृत भाषा में ही बात करता है. इस गांव में संस्कृत भाषा प्राचीनकाल से बोली जाती है. यहां लोग दूर-दूर से संस्कृत सिखने आते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव में न तो कोई रेस्तरां है और न ही कोई गेस्ट हाउस. गांव में जो भी देवभाषा सिखने की इच्छा लेकर आता है, गांव वाले उन्हें अपने-अपने घरों में मेहमान बनाकर रखते हैं और अपनी "अतिथि देवो भवः" की परंपरा का पालन करते हैं. इस गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में संस्कृत भाषा का ही प्रयोग करते हैं, फिर चाहे वो 5 साल का बच्चा हो या फिर 80 साल का वृद्ध. यहां के लोग दावा करते हैं कि जिन्हें संस्कृत नहीं आती, वो यहां पर केवल 20 दिन में इस भाषा को सिख सकते हैं.