कर्मचारियों को इसी जुलाई माह से मिलेगा 7 वां वेतनमान , पेंशनर्स को इसका लाभ नहीं देने से उनमें गहरा असंतोष
डॉ. चंदर सोनाने
राज्य सरकार ने हाल ही में कैबिनेट में राज्य के साढ़े चार लाख कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से इसका लाभ मिलेगा। उन्हें इसी जुलाई माह के वेतन से 7 वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। किंतु पेंशनर्स के बारे में राज्य सरकार ने अभी चुप्पी साध रखी है। इससे उनमें गहरा असंतोष है।
ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार ने किसी वेतनमान के संबंध में शासकीय कर्मचारियों के लिए तो घोषणा कर दी हैं, किंतु पेंशनरों को इससे वंचित रखा गया है। हमेशा ऐसा होता आया है कि वेतनमान की घोषणा होने पर शासकीय सेवकों और पेंशनरों के बारे में एक साथ ही लाभ देने का निर्णय होता आया हैं। किंतु इस बार सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए की गई घोषणा में कोई उल्लेख नहीं किया हैं। इस प्रकार उन्हें सातवें वेतनमान से अभी वंचित रखा गया है।
प्रदेश के सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी में से करीब 23 प्रतिशत सेवानिवृत्त कर्मचारी छत्तीसगढ़ से संबंधित है। नियमानुसार उनकी पेंशन के बारे में फैसला लेने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार से भी सहमति लेनी आवश्यक होती हैं। मजेदार बात यह हैं कि यह सहमति राज्य सरकार पहले ही ले चुकी है। इसके बावजूद पेंशनर्स को सातवां वेतनमान नहीं देने से उनमें असंतोष और भ्रम की स्थिति व्याप्त हो गई है।
हालांकि राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2017 के बीच सेवानिवृत्त हुए अथवा मृत शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान के एरियर का एकमुश्त भुगतान करने का फैसला लिया हैं । ऐसे कर्मचारी जो 30 जून 2017 के बाद रिटायर्ड हुए है उन्हें भी एकमुश्त एरियर का भुगतान किया जाएगा। 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर्ड हुए शासकीय सेवकों की न्यूनतम पेंशन 7750 रूपये होगी।
राज्य सरकार द्वारा पेंशनर्स को सातवां वेतनमान देने के बारे में कोई फैसला नहीं लिए जाने के कारण पेंशनर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि उन्हें भी शासकीय सेवक की तरह सातवां वेतनमान का लाभ दिए जाने की घोषणा तत्काल की जाऐ।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एक संवेदनशील मुख्यमंत्री है। उन्होंने हमेशा कर्मचारियों के हित में अनेक फैसले लिए हैं उनसे अपेक्षा है कि वे पेंशनर्स को भी 1 जुलाई 2016 से सातवां वेतनमान देने की शीघ्र घोषणा करें , ताकि उनमें व्याप्त असंतोष दूर हो सके।
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