10 वीं में गणित विषय वैकल्पिक हो
संदीप कुलश्रेष्ठ
कई छात्र ऐसे होते हैं , जिन्हें गणित विषय बिलकुल नहीं भाता है और इस कारण वे गणित विषय में फेल हो जाते हैं । गणित में पास नहीं होने के कारण बहुत से छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ भी देते हैं। वे गणित विषय के डर के कारण फिर कभी पढ़ाई की और प्रेरित भी नहीं होते हैं। इस कारण कक्षा 10 वीं में गणित विषय के वैकल्पिक विषय पर केंद्र और राज्य सरकार को सोचना चाहिए।
हाल ही में इस संबंध में बाम्बे हाईकोर्ट ने सीबीएसई के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्डों से कहा हैं कि वें 10 वीं कक्षा के छात्रों के लिए गणित विषय वैकल्पिक विषय बनाने पर विचार करें। इससे छात्रों को बिना गणित विषय की जानकारी वाले आर्टस और दूसरे व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में आगे पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी। जज श्री वी एम कनाडे और जज श्री ए एम बदर ने देश के सुप्रसिद्ध मनोचिकित्सक श्री हरीश शेट्टी की याचिका पर यह सुझाव दिया है।
उक्त याचिका में स्कूल स्तर पर छात्रों के सीखने की अक्षमता और ऐसे छात्रों की मदद के लिए शैक्षणिक बोर्डों द्वारा उठाए गए कदमों का मुद्दा उठाया गया हैं। बाम्बे हाईकोर्ट के जजों ने भी यह पाया हैं कि 10 वीं के बाद गणित और भाषा की परीक्षा में पास नहीं होने के कारण बहुत से छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड देते हैं।
बाम्बे हाईकोर्ट के दोनो जजों के सुझाव अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। इस पर सीबीएसई और विभिन्न राज्यों के शैक्षणिक बोर्डों को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। गणित विषय के वैकल्पिक होने के कारण छात्र अपने रूचि के अनुसार विषय ले सकेगा। और अपनी पढ़ाई भी जारी रख सकेगा। इससे बीच में पढ़ाई छोड देने वाले बच्चें भी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़ेंगे और वे अध्ययन निरंतर रख सकेंगे।
इस विषय पर केंद्र सरकार को और देश के समस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी गंभीरतापूर्वक शिक्षाविदों से सलाह कर ऐसा कोई उपाय निकाला जाना चाहिए जिससे कि बच्चों में गणित विषय का खौफ खत्म हो पाए और वे अपना अध्ययन भी निरंतर रख पाएँ।