धर्म, तप के साथ आत्म कल्याण के लिए है चातुर्मास
गौतम महापूजन आज, 14 जुलाई से सिद्धि तप,11 जुलाई से आगम वाचन
उज्जैन। चातुर्मास का पर्व धर्म एवं तप आराधना के साथ आत्म कल्याण के लिए आता है। पूरे चार माह तप आराधना के दौर चलेंगे। चातुर्मास काल में सभी लोग धर्म, तप से जुड़कर मोक्ष मार्ग की ओर प्रषस्त हो।
यह बात गच्छाधिपति श्री दौलतसागर सूरिष्वरजी के सान्निध्य में श्री हीर विजय सूरि बड़ा उपाश्रय खाराकुआं में चातुर्मास के प्रथम दिवस पर आयोजित धर्मसभा में आचार्यश्री हर्षसागर सूरिष्वरजी ने कही। उन्होने कहा कि आराधना में बहुत ताकत है। आराधना के बल पर जीवन को सहज,सरल व मोक्षगामी बनाया जा सकता है। तप का संकल्प ले। एक संकल्प दुर्गति से देवलोक तक पहुंचा सकता है। मन में दयाभाव रखें। भूल पर पष्चाताप करें, यही अहिंसा व्रत है। बड़ा उपाश्रय ट्रस्ट अध्यक्ष विमल पगारिया ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे से गौतम स्वामी महापूजन होगी। 11 जुलाई से प्रतिदिन सुबह 9.15 से 10.30 बजे तक आगम ग्रंथ का वाचन प्रारंभ होगा। 45 में से 23 आगम का वाचन बड़ा उपाश्रय पर होगा। सचिव राजेष पटनी के अनुसार 14 जुलाई से 44 दिवसीय सिद्धि तप आराधना शुरू होगी। इसके एक दिन पूर्व धारणा का भी आयोजन है। 15 जुलाई को गौतम स्वामी द्वारा प्रभु महावीर से पूछे गए 36 हजार प्रष्नों वाले भगवती सूत्र आगम की महत्वपूर्ण वाचना होगी। सभा में आचार्य नंदीवर्द्धन सागरजी, साध्वीश्री मुक्तिदर्षनाश्रीजी सहित समाजजन उपस्थित थे। राजेंद्रं बांठिया ने बताया कि संध्या को प्रतिक्रमण एवं प्रभु भक्ति के आयोजन हुए।
चातुर्मास बनेगा एकता का प्रतीक
प्रथम दिवस पर आचार्यश्री हर्षसागर सूरिष्वरजी ने श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी पर भी प्रवचन प्रदान किए। उन्होने कहा कि इस बार का चातुर्मास उज्जैन श्रीसंघ की एकता का प्रतीक बनेगा। चातुर्मास के प्रथम चरण पर्युषण तक के 50 दिन बड़ा उपाश्रय में तथा उसके बाद के 70 दिन साधु-साध्वी मंडल पेढ़ी पर विराजित रहकर प्रवचन व धर्म-तप आराधना के आयोजन संपन्न कराएंगे। नगर में यह पहला अवसर है, जबकि दोनों श्रीसंघ की भावना के मद्देनजर गच्छाधिपति ने यह व्यवस्था की है।