जीव तत्वज्ञान, आत्मज्ञान करके दुख से छुटकारा प्राप्त कर सिध्दचक्र में शामिल होता है-सुमत प्रकाश
उज्जैन। तत्व ज्ञान की महिमा निराली है। तत्व ज्ञान के अभाव में, आत्म ज्ञान के अभाव में जीव चारों गतियों में घूमता है और तत्व ज्ञान आत्म ज्ञान करके चारों गतियों में दुख से छुटकारा प्राप्त कर सिध्दचक्र में शामिल होता है।
उक्त विचार समयसार ग्रंथ पर आत्मा विद्यमान 47 शक्तियों की चर्चा करते हुए बाल ब्रह्मचारी सुमत प्रकाश ने आत्म सुख प्राप्त करने के उपाय बताते हुए कही। जम्बू जैन धवल के अनुसार जैन युवा फेडरेशन द्वारा आयोजित सिध्दचक्र मंडल विधान महोत्सव के दूसरे दिन प्रातःकाल जिनेन्द्र भगवान के प्रक्षालन के बाद नंदीरूप दीप की पूजन तथा मंडल विधान की पूजन प्रारंभ हुआ। क्षीरसागर स्थित सीमंधर जिनालय के 75 फीट उंचे शिखर पर रविवार को स्वर्ण ध्वजा चढ़ाई गई। ध्वजा चढ़ाने से पूर्व समाजजनों ने ध्वजा की पूजा अर्चना की फिर ध्वज डाॅ. भरत जैन, प्रवीण रावत, झांझरी परिवार, सुबोध जैन ने फहराई। उक्त ध्वजा जयपुर से बनकर आई। पूजन के दौरान भगवान के 64, 128 अध्र्य समर्पित किये गये। यह विधान 8 जुलाई तक चलेगा जिसके अंतिम दिन 1024 अध्र्य से पूजा संपन्न होगी।