50 चित्रों के अनावरण के साथ प्रारंभ हुआ आचार्य विद्यासागर का 50वां दीक्षा महोत्सव
उज्जैन। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज का 50वां दीक्षा महोत्सव बुधवार से प्रारंभ हुआ। तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव का शुभारंभ आचार्यश्री के 50 चित्रों के एक साथ अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। आचार्यश्री का चल समारोह भी निकला जिसमें बच्चों के हाथ में आचार्यश्री के विचारों से अंकित स्लोगन, बैंडबाजे, रथ, बग्घी आदि शामिल हुए। रथ पर आचार्यश्री की तस्वीर, पुरूष सफेद वस्त्र तथा महिलाएं केसरिया वस्त्र धारण किये निकली। फ्रीगंज के प्रमुख मार्गों से होता हुआ जुलूस पुनः पंचायती दिगंबर जैन मंदिर पहुंचा।
मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल के अनुसार आचार्यश्री के 50वें दीक्षा महोत्सव में बुधवार प्रातः 6 बजे से भगवान के अभिषेक, शांतिधारा हुई। ब्रह्मचारी सुनील भैय्या इंदौर के सानिध्य में शांतिधारा का सौभाग्य जिनेन्द्र जैन चनेवाले, विजेन्द्र जैन सुपारीवाले एवं शैलेन्द्र शाह को प्राप्त हुआ। आरती का सौभाग्य आर.के. जैन, आचार्यश्री का विधान संपन्न हुआ जिसमें 4 कलश की स्थापना की गई प्रथम कलश प्रीति बिलाला, द्वितीय कलश सुनील जैन ऋषिनगर, तीसरा कलश शैलेन्द्र जैन यूडीए, चैथा कलश प्रदीप वंदना टोंग्या को प्राप्त हुआ। आचार्यश्री की आरती का सौभाग्य जयेश जैन जिनेश जैन जैनिक जैन एवं अतुल को प्राप्त हुआ। आचार्यश्री का सबसे बड़ा चित्र अनावरण सुगनचंद धर्मेन्द्र सेठी को प्राप्त हुआ। जिनवाणी की स्थापना सुधीर जैन, राजेन्द्र फारिल, अशोक जैन चायवाला, सुशीला मेडम, इंदरमल जैन आदि को प्राप्त हुआ। 50 जोड़े के इंद्र, इंद्राणियों द्वारा आचार्यश्री छत्तीसी विधान संपन्न किया गया जिसमें शुध्द वस्त्र पहनकर आचार्यश्री की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात सभी को जैन धर्म की ध्वजा एवं 5-5 दीपक वितरित किये गये। महिला मंडल द्वारा अष्टद्रव्य की थाली सजाने की प्रतियोगिता हुई। संपन्न हुए। कार्यक्रम पश्चात भैयाजी के प्रवचन भी हुए। शाम को 50 दीपों से आचार्यश्री की महाआरती एवं आचार्यश्री के जीवन पर आधारित संगीतमय कार्यक्रम, आचार्य विद्यासागर पाठशाला लक्ष्मीनगर द्वारा सुंदर भजन, प्रश्न मंच, आचार्य के स्मरण सुनाओ प्रतियोगिता हुई। तत्पश्चात संपूर्ण समाज का वात्सल्य भोज हुआ।
आज संगीतमय पूजा, भव्य नाटिका मंचन
आज 29 जून को सुबह 6 बजे शांतिधारा, अभिषेक, आचार्यश्री की संगीतमय पूजा प्रज्ञा कलामंच द्वारा की जाएगी। शाम को महाआरती, भव्य नाटिका आचार्य श्री विद्यासागर पाठशाला के बच्चों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। कल भी आयोजन होंगे।
तप ही उनका जीवन, 50 वर्ष पूर्ण करने वाले पहले मुनि संत आचार्य विद्यासागर महाराज
आचार्यश्री विद्यासागर महाराज पहले मुनि संत हैं जिनकी दीक्षा को 50 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। 1968 मंे आचार्य विद्यासागर ने दीक्षा ग्रहण की थी और 1972 में आचार्य पदवी प्राप्त हो गई थी। कर्नाटक के रहने वाले हैं इन्हें कन्नड़, मराठी, हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, बंगाली सहित 8 भाषाओं का ज्ञान है। आचार्यश्री ने 1971 से आजीवन मीठे और नमकीन का त्याग कर रखा है। 1976 से रस, फल, मेवे का त्याग है। 1983 से थूकने का त्याग है, 1985 से चटाई पर सोने का त्याग है। 1990 से प्रत्येक माह में 9 दिन निर्जला उपवास रखते हैं। 1992 से दिन में सोने का आजीवन त्याग है। दीक्षा लेने के बाद से ही रात में मौन धारण कर लेते हैं। दीक्षा होने के बाद हर दो माह में केश लोच करते हैं। देश में सबसे पहले शराब बंदी और मांस बंदी के खिलाफ अभियान छेड़ा था। सबसे पहले देश का नाम इंडिया की बजाय भारत पुकारने पर जोर दिया था। स्वदेशी वस्तुओं के हितैषी हैं आचार्यश्री। लगभग 450 मुनि आर्यिकाओं को दीक्षा दी है। ब्रह्चारी और आचार्यश्री के अनुसार व्रत धारण करने वाले देशभर में 8 हजार से अधिक लोग हैं। पूरे एक वर्ष चलेगा 50वां दीक्षा महोत्सव जो 17 जुलाई 2018 को समाप्त होगा।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर संयम स्वर्ण महोत्सव समिति के संरक्षक अशोक जैन चायवाले, अध्यक्ष विजेन्द्र जैन, उपाध्यक्ष सुनील जैन खुरईवाले, नरेन्द्र बिलाला, अरविंद बुखारिया, महामंत्री धर्मेन्द्र सेठी, मंत्री सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, सहमंत्री सचिन कासलीवाल, समन्वय शैलेन्द्र शाह, कार्यकारिणी पार्षद राजेश सेठी, करूणा जैन, सुशील छाबड़ा, प्रसन्न बिलाला, कमल बड़जात्या, तेजकुमार विनायका, संजय जैन पोहा, नरेन्द्र चैधरी, अनिल बुखारिया, जीवंधर जैन, योगेन्द्र बड़जात्या, जिनेन्द्र जैन चना, देवेन्द्र तलाटी, अशोक जैन गुना, देवेन्द्र सिंघई घड़ी, अशोक जैन कांट्रेक्टर, पंकज जैन, दिनेश जैन सुपरफार्मा, आरसी जैन, कमल बड़जात्या, विमल बजाज, ताराचंद, राकेश बुखारिया, मनीष पांड्या, अनित सेठी, सलील जैन, गौरव राजेन्द्र लुहाड़िया, लालचंद जैन, दिनेश जैन, हितेश सेठी, विमलेश जैन, ओम जैन आदि उपस्थित थे। इस आयोजन में जैन मित्र मंडल, नारी चेतना मंडल, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप आदिनाथ, दिगंबर जैन महिला परिषद अवंति, दिगंबर जैन महिला महासमिति, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप मेन, दिगंबर जैन सोशल ग्रुप सीनियर सिटीजन, जैन इंजीनियर्स सोसाइटी आदि का सहयोग रहा।