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आयकर रिर्टन भरने के लिए जरूरी नहीं आधार, अभी पेन कार्ड से भी कर सकते है जमा


आधार कार्ड की अनिवार्यता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला दिया है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है, वो पैन कार्ड के साथ ही आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. कोर्ट ने साथ ही कहा कि जिनके पास आधार कार्ड है, उन्हें पैन से आधार को लिंक करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनको इस बात के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा कि वो पैन से आधार को लिंक करें.

आधार, पैन दोनों है तो करना होगा जिक्र
अपने इस बहुप्रतीक्षित फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों हैं, उन्हें अपना आयकर रिटर्न भरते हुए इस बात का जिक्र करना होगा़  वहीं, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, और पैन कार्ड है उनका पैन भी मान्य माना जायेगा और वे लोग भी अपना आयकर रिटर्न भर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को आधार कार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे आधार के डाटा लीक ना हो सके. वहीं सरकार को पैन कार्ड के डुप्लीकेशन को रोकने के लिए भी काम करना चाहिए.

सरकार का पक्ष
गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने आधार कार्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि भारत के नागरिक आधार कार्ड हेतु लिये जाने वाले शारीरिक सैंपल के लिए मना नहीं कर सकते हैं. नागरिक अपने शरीर पर इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं जता सकते हैं. अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि अपने शरीर पर पूर्ण अधिकार होना एक भ्रम है, ऐसे कई नियम हैं जो इस पर पाबंदी लगाते हैं.

सुरक्षित है आधार
केंद्र सरकार ने पैन कार्ड के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के फैसले का बचाव करते हुए उच्चतम न्यायालय में कहा कि ऐसा देश में फर्जी पैन कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है. मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से कहा कि पैन का कार्यक्रम संदिग्ध होने लगा था क्योंकि यह फर्जी भी हो सकता था जबकि आधार पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत व्यवस्था है, जिसके द्वारा एक व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता था.

आधार को स्वैच्छिक रखने की कोशिश
कोर्ट ने साथ ही इनकम टैक्स की धारा 139 (एए) को भी वैध ठहराया है. लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जिनके पास पैन है लेकिन आधार नहीं है, तो वैसे पैन को सरकार खारिज नहीं कर सकती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दाखिल याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य किये जाने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आधार को स्वैच्छिक रखने को कहा था लेकिन सरकार उस आदेश को थोड़ा कम करने में लगी है.

याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दत्तार ने दलील दी थी कि 2015 का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है कि आधार पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच में मुद्दा विचाराधीन है कि आधार के लिए ली जाने वाली जानकारी क्या लाइफ एंड लिबर्टी के अधिकार का उल्लंघन है या नहीं. याचिकाकर्ता ने दलील में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पवित्रता को बरकरार रखना चाहिए आैर सरकार उसे किसी भी तरह से कम नहीं कर सकती़ अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो एक गलत परिपाटी शुरू हो जायेगी जो खतरनाक है़

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