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सरकार ने मांगे मान ली, किसान असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आए



किसान मोर्चा अध्यक्ष ने किसानों से की शांति की अपील-कहा किसान अपने हाथ
से कभी अपनी उपज बर्बाद नहीं कर सकता
उज्जैन। किसान असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आए। सरकार ने लगभग हमारी
सभी मांगे मान ली है, जिसकी घोषणा 4 जून को उज्जैन में तथा 5 जून को
भोपाल में हो गई है तथा कुछ मांगों पर काम प्रारंभ कर दिया गया है। प्याज
के भाव 8 रूपये किलो कर दिये गये हैं। मूंग और अरहर के साथ सब्जी, दूध,
सोयाबीन एवं अन्य कृषि उपजों के भाव में किसानों को फायदा पहुंचाने की
योजना बनाने में शिवराज सिंह चैहान जुट गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने
गेहूं के समर्थन मूल्य में भी बढ़ोत्तरी की बात कही है। किसान जमीन
अधिग्रहण के लिए किसान हित की धारा 34 को क्रियान्वयन में पुनः लाने की
मांग को भी मान लिया गया है।
उक्त बात किसान मोर्चा अध्यक्ष केशरसिंह पटेल ने प्रदर्शन कर रहे किसानों
से शांति की अपील करते हुए कही। पटेल ने कहा कि पूरी सरकार और किसान
मोर्चा किसानों के साथ है। कोई भी किसान बस जलाने व किसी को नुकसान
पहुंचाने का काम नहीं कर सकता। प्रदेश में जिस प्रकार की हरकतंें हो रही
है यह कुछ असामाजिक तत्वो की राजनैतिक साजिश है जिसमें किसानों को बदनाम
किया जा रहा है। सभी किसानों से निवेदन है कि किसान हितैषी योजना बनाने
में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान का सहयोग करें, कानून व्यवस्था बनाये
रखें, संयम से काम लें, एक दूसरे की मदद करें। शरारती तत्वों के बहकावे
में न आवे। किसान का बेटा मंडी में भी जाता है तो एक मुट्ठी अनाज भी गिर
जाए तो सोरकर पुनः ट्राली में डालता है, एक अन्न के दाने का भी ध्यान
रखता है। ऐसे में अपने द्वारा पैदा की गई अन्न व सब्जियों को बर्बाद नहीं
कर सकता। दूध तो ठीक है छाछ भी बच जाए तो आसपास के गरीब परिवारों में
वितरित करता है। तो ऐसे में दूध ढोलने का काम कृषक नहीं कर सकता। पटेल ने
किसान पुत्र शिवराजसिंह चैहान द्वारा मांगे मान लेने के पश्चात किसानों
से सरकार का सहयोग करने एवं असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आने की अपील
की है। आपने कहा कि कांग्रेस तथा अन्य दलों के कुछ कतिपय नेता जिनका
किसानों से कोई लेना देना नहीं है वे किसान और सरकार को बदनाम करने का
प्रयास कर रहे हैं। जो किसानों के सुख दुख में कभी शामिल नहीं हुए ऐसे
लोग खुद को किसानों का मसीहा बताने में जुटकर वोट की राजनीति सेंकने के
लिए किसानों का साथ देने का ढोंग कर रहे हैं।

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