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संक्रांति पर जमकर होगी पतंगबाजी, रंग-बिरंगी पतंगों से सजे बाजार, बरेली की डोर डिमांड में


उज्जैन - हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रस्थान के पर्व को मकर संक्रांति कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। इसी दिन से मांगलिक कार्यो की शुरूआत हो जाती है और खरमास का समापन होता है। मालावंचल में इस दिन विशेष पर पतंगबाजी करनेकी भी परम्परा वर्षों पुरानी है। मकर संक्रांति से पहले नगर में कई स्थानों पर रंगबिरंगी पतंग और मांजें के बाजार लगाए जाते हैं। जहां पतंग के शौकीन खरीददारी के लिए पहुंचते हैं।
तोपखाना पर लगता है सबसे बड़ा बाजार
उज्जैन के तोपखाना का बाजार रंग-बिरंगी पतंगों से सज गया है। इस बार फिल्मी सितारों की पतंगों से ज्यादा मांग राजनेताओं की पतंगों की हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाली पतंगें लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहीं हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और गोटा भाई अमित शाह भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं, उनकी तस्वीरों वाली पतंगों को भी पसंद किया जा रहा है। इनके अलावा फिल्मी सितारों में साउथ एक्टर अल्लू अर्जुन, अमिताभ, अक्षय कुमार, सलमान, शाहरूख सहित अभिनेत्रियों की तस्वीर वाली पंतगों के साथ कार्टून केरेक्टर छोटा भीम, डोरेमन वाली पतंगों को खूब पसंद किया जा रहा है। यहां पर कई तरह की फैंसी पतंगे भी उपलब्ध हैं।
यूपी, गुजरात से भी आती हैं पतंगें
वैसे तो उज्जैन में पूरे साल ही पतंग व्यवसायी पतंगे बनाने में जुटे रहते हैं और वो पतंगे बिकती भी हैं। लेकिन संक्रांति पर्व के समय राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से पतंगें मगाई जाती हैं, जिन्हें नगों और कोड़ी के भाव में बेचा जाता है।
20 पंतगों की होती है एक कोड़ी
उज्जैन व इंदौर व आसपास के इलाकों में पतंगों की खरीदी कोड़ियों के भाव में की जाती है। मसलन 30 रूपए कोड़ी, ₹40 कोड़ी, ₹60 कोड़ी, ₹ 80 कोड़ी, 100 से 120 रूपए तक के दाम पर पतंगे मिलती हैं।
डोर और चकरी में भी वैरायटी
संक्रांति के समय बरेली का मांझा सबसे ज्यादा डिमांड में रहता है। बरेली मांजे में कई तरह की वैरायटियां आसानी से मिल जाती है, जिनके दाम भी उसी अनुसार होते हैं। पतंगबाज अपनी पसंद अनुसार डोर का चयन करते हैं। इसके अलावा पुराने पतंगबाज अपनी पसंद अनुसार गट्टा सुतवाते हैं।
ढाबा रोड पर भी लगती हैं दुकानें
तोपखाने की तरह ढ़ाबा रोड पर भी पतंग बाजार लगता हैं। ढाबा रोड पर भी हर तरह की रंगबिरंगी पतंगें, फैंसी पतंगों के साथ सादी डोर, बरेली की चकरी, सूतने के लिए गट्टे सभी कुछ मिल जाता है।

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