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भक्तो के कष्टों को तारेगी जगतारिणी मां गंगा- दाती महाराज



उज्जैन। भागीरथ की कड़ी तपस्या के बाद मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। धार्मिक नगरी उज्जयिनी में भी मां गंगा नील स्वरूप में नीलगंगा सरोवर में निकली थी। जो कि युगो युगों से भक्तों के कष्टों को तार रही है। यह बात श्री शनिचरणानुरागी श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर दाती महाराज ने कल गंगा दशहरा उत्सव पर्व पर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा नीलगंगा सरोवर में स्थापित की गई  मां नीलगंगा की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने बताया कि गंगा दशहरा उत्सव पर प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने मां गंगा की 8 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में विशेष पूजन अर्चन के बाद देशभर से आए संत, महंतों द्वारा मां नीलगंगा को 110 फीट की चुनरी उड़ाई गई तथा महाआरती और भंडारे का आयोजन हुआ। साथ ही जयति जयति मां नीलगंगा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति भी उज्जैन की प्रसिद्ध कलाकार पलक पटवर्धन और उनके ग्रुप द्वारा भव्य लाइट एंड साउंड के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम के दौरान दातीश्री ने कहा कि आज के समय में हर कोई मां चाहता हैं.... बहु चाहता है.... बहन चाहता है... लेकिन बेटी चाहने वालों की संख्या कम हैं। मैरे द्वारा राजस्थान में कर्इं वर्षों से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, अभियान चलाकर जनजागरूकता फैलाई जा रही है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि आपका यह दाती महाराज 800 बेटियों का पिता है। जो कि वर्षभर इन कन्याओं की शिक्षा दीक्षा से लेकर इनके हाथ पीले करने के पावन पुनित करता है। इस दौरान जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरीगिरी महाराज, पायलेट बाबा, महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी महाराज, महामंडलेश्वर शैलेषानंद, महामंडलेश्वर महेन्द्रानन्दगिरी महाराज, जूनागढ़ की योगमाता शैलजा देवी, नारायण गिरी, सुंदरपुरीजी, अभयपुरीजी, रामेश्वर गिरी, मुकेश पुरी, गुप्तगिरी आदि सत महात्मा उपस्थित थे। 

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