top header advertisement
Home - उज्जैन << नीलगंगा सरोवर पर अवतरित हुई मां गंगा

नीलगंगा सरोवर पर अवतरित हुई मां गंगा


मां नीलगंगा को ओढ़ाई 110 फीट की चुनरी, महाआरती और भंडारे का हुआ आयोजन-नीलगंगा घाट अब कहलाएगा जूना अखाड़ा घाट

उज्जैन। गंगा दशहरा उत्सव पर्व पर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा नीलगंगा सरोवर में स्थापित की गई 8 फीट उंची मां नीलगंगा की प्रतिमा का अनावरण वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा रविवार को किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार नीलगंगा के घाट का नाम जूना अखाड़ा किया गया। देशभर से आए संत, महंतों द्वारा मां नीलगंगा को 110 फीट की चुनरी उड़ाई गई तथा महाआरती और भंडारे का आयोजन हुआ। साथ ही जयति जयति मां नीलगंगा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति भी उज्जैन की प्रसिद्ध कलाकार पलक पटवर्धन और उनके ग्रुप द्वारा भव्य लाइट एंड साउंड के माध्यम से दी गई। 

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने बताया कि गंगा दशहरा उत्सव पर सुबह 7 बजे संतों ने नीलगंगा सरोवर में स्नान किया तथा शाम को उत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री शाम 5.30 बजे अखाड़ा भवन पहुंचे। जहां जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरीगिरी महाराज, पायलेट बाबा, परमहंस दाती महाराज और महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी महाराज, महामंडलेश्वर शैलेषानंद, महामंडलेश्वर महेन्द्रानन्दगिरी महाराज, जूनागढ़ की योगमाता शैलजा देवी, नारायण गिरी, सुंदरपुरीजी, अभयपुरीजी, रामेश्वर गिरी, मुकेश पुरी, गुप्तगिरी, आदि संतो ंके साथ मां नीलगंगा की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने हरिगिरी महाराज की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपकी कल्पना साकार देखकर अच्छा लगा। यहां उन्होंने पायलेट बाबा से भी भेंट की तथा सभी संतों का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मंत्री पारस जैन, सांसद चिंतामणि मालवीय, महापौर मीना जोनवाल, विधायक अनिल फिरोजिया, सतीश मालवीय, मुकेश पंड्या, दिलीपसिंह शेखावत, जगदीश अग्रवाल, इकबालसिंह गांधी, पार्षद दुर्गा चैधरी, कांग्रेस नेता अरूण वर्मा, चेतन यादव, लक्ष्मण मीणा, राजू खंडेलवाल, संजय भंडारी, संजय दिवटे सहित विभिन्न लोग मौजूद थे। संचालन सुदर्शन आयाचित ने किया। 

महामंडलेश्वर को अखाड़े ने किया बहाल

उज्जैन के महामंडलेश्वर शैलेषानंदगिरी का निलंबन समाप्त करते हुए पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने उन्हें बहाल किया। उनको लेकर उछले प्रकरण में अखाड़ा परिषद द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें पुनः ससम्मान महामंडलेश्वर पद पर बहाली दी गई। अपने गुरू पायलेट बाबा का आशीर्वाद लेकर शैलेषानंद गिरी ने सभी साधु संतों अभिवादन किया। 

 

Leave a reply