top header advertisement
Home - उज्जैन << भारतीय किसान संघ ने किसान आन्दोलन स्थगित करने की घोषणा की

भारतीय किसान संघ ने किसान आन्दोलन स्थगित करने की घोषणा की


 

      उज्जैन  जून । मध्य प्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा निरन्तर किसानों के कल्याण के लिए कार्य करती है। प्रदेश ने अन्न उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की है तथा कृषि विकास दर में अभूतपूर्व वृद्धि की है। कृषि क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार “कृषि कर्मण अवार्ड” प्रदेश को निरन्तर प्राप्त हो रहा है। प्रदेश सरकार किसानों की परेशानी में हर दम उनके साथ है। गत वर्ष किसानों की फसल खराब होने पर सरकार द्वारा 4 हजार 600 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया गया वहीं फसल बीमा की राशि 4 हजार 300 करोड़ भी किसानों को दी गई। इस वर्ष भी किसानों की हर परेशानी एवं समस्या को दूर किया जाएगा। गत वर्ष 6 रूपये किलो में सरकार ने किसानों की प्याज खरीदी थी। इस वर्ष 8 रूपये किलो में सरकार किसानों की प्याज खरीदेगी। यह कार्य 3-4 दिन में प्रारम्भ हो जाएगा तथा जून माह के अन्त तक चलता रहेगा।

      मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज रविवार को उज्जैन प्रवास के दौरान सर्किट हाउस पर किसान संघ के पदाधिकारियों से चर्चा के उपरान्त कई किसान हितैषी घोषणाएं की। भारतीय किसान संघ के श्री शिवकान्त दीक्षित ने कहा कि क्योंकि सरकार ने उनकी लगभग सारी बातें मान ली हैं अत: वे किसान आन्दोलन को स्थगित करने की घोषणा करते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ये घोषणाएं की

·         किसान कृषि उपज मंडी में जो उत्पाद बेचते हैं उनका 50 प्रतिवर्ष उन्हें अब नकद भुगतान प्राप्त होगा तथा शेष 50 प्रतिवर्ष राशि का भुगतान उनके खाते में RTGS से किया जाएगा।

·         गर्मी की मूंग की फसल को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदने की कार्रवाई करेगी।

·         किसानों का प्याज 8 रुपए प्रति किलो पर सरकार खरीदेगी। यह खरीदी तीन-चार दिन में चालू हो जाएगी तथा जून के अंत तक चलेगी।

·         सब्जी मंडियों में किसानों को ज्यादा आड़त देनी पड़ती है, इसे रोकने के लिए सब्जी मंडियों को मंडी अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा।

·         फसल बीमा योजना को ऐच्छिक बनाया जाएगा।

·         नगर एवं ग्राम निवेश एक्ट के अंतर्गत जो भी किसान विरोधी प्रावधान होंगे उन्हें हटाया जाएगा।

·         किसानों के चल रहे आंदोलन में किसानों के विरुद्ध जो प्रकरण बने हैं उन्हें समाप्त किया जाएगा।

·         समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने का भुगतान किसानों को शीघ्र प्राप्त हो, इसके लिये बैंकों को पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध कराया जाएगा।

कृषि विकास दर में अभूतपूर्व वद्धि

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि समृद्ध और खुशहाल किसान मध्य प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिता है। सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है कि किसानों को अपने श्रम का समुचित मूल्य तथा गरिमापूर्ण जीवन मिले। मध्य प्रदेश की औसत कृषि विकास दर 20.11 प्रतिशत पहुँच चुकी है। प्रदेश में कृषि केबिनेट के गठन की अभिनव पहल हुई है तथा मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ कृषि क्षेत्र का आर्थिक सर्वेक्षण हुआ है । सरकार द्वारा किसानों से सीधे संवाद के लिए किसान महापंचायत का सिलसिला शुरु हुआ है तथा कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए टास्क्फोर्स भी बनाई गई है। 

एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र

      प्रदेश में पहली बार किसानों को सूखे से हुए नुकसान की चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र 05 नवम्बर 2015 को बुलवाया गया था, जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पहली बार उत्पादकता के आधार पर फसल हानि सर्वेक्षण करवाया जाएगा। पीड़ित किसानों को पर्याप्त सहायता और राहत उपलब्ध कराई गई। मुआवजे में बड़ी राशि दिए जाने के साथ ही किसानों से विद्युत बिल की वसूली स्थगित करने, अगली फसल तक गेहूँ, चावल, नमक 01 रुपये किलो दिए जाने, निजी साहूकारों से लिए गए ऋण की वसूली रोकने, सूखाग्रस्त क्षेत्र नहीं होने के बावजूद भी वास्तविक क्षतिग्रस्त फसल के लिए किसानों को राहत दिलवाने, बेटि की शादी के लिए 25 हजार की मदद, मनरेगा की मजदूरी 150 दिन किए जाने आदि की सहायता सरकार द्वारा दी गई।

खाद्य  उत्पादन 03 गुना

      प्रदेश में अन्न उत्पादन में आत्म निर्भरता हासिल की है। पिछले 10 वर्षो में खाद्यान्न का उत्पादन 123 लाख एम.टी. से बढ़कर 321 लाख एम.टी. हो गया है। प्रदेश कुल खाद्यान्न उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। गेहूँ उत्पादन में प्रदेश ने हरियाणा और पंजाब की बराबरी कर ली है। प्रदेश में 2400 बीज उत्पादक सहकारिता समितियाँ स्थापित की गई हैं। यह देश में सर्वाधिक है। 

किसान हितैषी योजनाएँ

      प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान हितैषी योजनाएँ चलाई जा रहा है। मुख्यमंत्री खेत तीर्थ दर्शन योजना, मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन योजना, गेहूं और धान के समर्थन मूल्य पर बोनस, बलराम ताल योजना, अजा-जजा संकर मक्का बीज कार्यक्रम, नलकूप खान एवं पम्प स्थापना योजना, कृषि यंत्रों पर अनुदान, हलधर योजना आदि का बड़ी संख्या में किसान लाभ ले रहे हैं। 

किसानों को सहूलियतें

      प्रदेश सरकार कृषि की लागत कम करने तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को बहुत सी सहूलियतें प्रदान कर रही हैं। शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण के बाद अब 01 लाख रुपये ऋण लेने पर 90 हजार रुपये ही किसान को वापस करना होते हैं। किसानों को अत्यन्त कम किराए पर उन्नत कृषि यंत्र प्रदाय किए जा रहे हैं। प्रदेश के 139 ग्राम पूर्ण यंत्रिकृत हो गए हैं। प्रत्येक विकासखण्ड में मृदा परीक्षण प्रयोग शालाएँ हैं। लगभग सभी पात्र किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण से किसानों को खाद की कमी से निजात मिल गई है। 

बिजली व सिंचाई की अभूतपूर्व सुविधा

      प्रदेश सरकार ने किसानों को बिजली व सिंचाई की अभूतपूर्व सुविधा दी है। किसानों को सिंचाई के लिए प्रतिदिन कम से कम 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। नलकूप खनन एवं सिंचाई पम्प के लिए पर्याप्त अनुदान दिया जा रहा है। पिछले 11 वर्षों में  अनेक सिंचाई योजनाएँ पूर्ण हुई हैं तथा वतर्मान में 36 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाई गई है। वर्ष 2018 तक इसे 50 लाख हैक्टेयर किया जाना है। रबी का सिंचाई रकबा 23.92 लाख हैक्टेयर पहुँच गया है जो पहले की अपेक्षा 03 गुना अधिक है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सभी जिलों में सिंचाई मास्टर प्लान बनने शुरु हो गए हैं।

Leave a reply