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मैनिट कैंपस के तालाब में डूबकर 16 वर्षीय अलीशा की मौत


भोपाल.गर्मियों की छुट्‌टी में दादी के घर आई एक किशोरी की मैनिट कैंपस के तालाब में डूबने से मौत हो गई। वह शनिवार सुबह दो सहेलियों के साथ यहां नहाने गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पानी से किशोरी का शव बाहर निकाला।

कमला नगर थाना प्रभारी आशीष भट्टाचार्य के मुताबिक ब्लाक नंबर छह, शबरी नगर निवासी रॉकी नेताम की 16 वर्षीय बेटी अलीशा गंगा नगर में रहने वाली अपनी दादी के पास रहने आई थी। वह छठवीं क्लास की छात्रा थी। शनिवार सुबह 10 बजे वह दो सहेलियों 13 वर्षीय नंदनी और 12 वर्षीय शेरनी के साथ मैनिट कैंपस के तालाब में नहाने गई थी। तीनों सहेली स्नान कर रहीं थी, तभी अलीशा गहरे पानी में चली गई। उसके पीछे नंदनी भी गई। अलीशा को डूबता देखा तो नंदनी और शेरनी पानी से बाहर निकली और मदद के लिए चीख पुकार मचाई। जब तक कोई मदद के लिए पहुंचता तब तक अलीशा की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। बताया गया है कि मैनिट की दीवार की दीवार टूटी होने के कारण आसपास की बस्ती के लोग वहां नहाने पहुंच जाते हैं। इसी तालाब में मैनिट के छात्र अभय आनंद की 4 मार्च को डूबने से मौत हो गई थी।

मैनिट के 650 एकड़ कैंपस की सुरक्षा अब 130 गार्ड के हवाले
मैनिट प्रबंधन ने तीन दिन पहले कैंपस की सुरक्षा में तैनात गार्ड की संख्या घटा दी है। पहले यहां 172 गार्ड थे। लेकिन यह संख्या घटकर अब 130 हो गई है। मैनिट ने बजट को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला किया है। पिछले कुछ समय से मैनिट में सुरक्षा गार्ड को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। 650 एकड़ में फैले मैनिट कैंपस की सुरक्षा में लगातार बरती जा रही उदासीनता को लेकर पहले भी एमएचआरडी से शिकायत की जा चुकी है। पिछले महीने ही तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी को पद से इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया था। ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। बताया जाता है कि मैनिट की बाउंड्री वॉल करीब 20 स्थानों से टूटी हुई है। कुछ स्थानों की टूटी दीवारों से तो आसपास बनी झुग्गियों के लोग बाकायदा टू व्हीलर से आना जाना करते हैं। जबकि परिसर में बने तालाब में नहाने और कपड़े धाेने बाहरी लोगों का आना लगातार बना रहता है। मैनिट से ही मिली जानकारी के अनुसार तालाब के आसपास सुरक्षा के लिए केवल 4 गार्ड तैनात किए गए हैं। इनमें दो गार्ड मैनिट की ओर से तालाब को जाने वाले मार्ग पर तैनात रहते हैं जबकि बाकी दो गार्ड टूटी हुई बाउंड्री वाल वाले स्थान की चौकसी करते हैं। हालांकि, इसके बावजूद तालाब में नहाने और कपड़े धाेने के लिए आने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। उधर, प्रोफेसर इंचार्ज सिक्यूरिटी डॉ. आरके द्विवेदी का कहना है कि मैनिट परिसर की बाउंड्री वाल पहले भी कई बार बनाई गई है। लेकिन स्लम एरिया के लोग इसे तोड़ देते हैं। इस बार कैंपस की बाउंड्री वाल की सुरक्षा के लिए नई योजना बनाई जा रही है। रही बात तालाब की तो वहां सुरक्षा गार्ड हमेशा मौजूद रहते हैं।

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