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कौशल विकास से करेंगे बेरोज़गारी का अंत - मुख्यमंत्री श्री चौहान


 

उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कहा है कि कौशल विकास राज्य सरकार का मिशन है। कौशल विकास से बेरोजगारी की समस्या को समाप्त करने का महाअभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रम को प्रतिष्ठित करने के लिये कौशल विकास के माध्यम से रोजगार निर्माण पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं का भविष्य सँवारने के सभी संभव प्रयास किये जायेंगे। युवाओं को कौशल संपन्न बनाकर बेरोजगारी से मुक्ति देने की क्रांतिकारी शुरूआत प्रदेश में हुई है।

श्री चौहान ने युवाओं का आव्हान किया कि वे निराश और हताश नहीं हो। रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने उद्योगों का आव्हान किया कि वे उद्योगों में कौशल की जरूरत का आकलन करे। राज्य सरकार उन्हें कौशल संपन्न युवा मानव संसाधन उपलब्ध करवायेगी।

हर साल ढाई लाख बेटियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण

श्री चौहान ने प्रदेश में कौशल प्रशिक्षण की तैयारियों और योजनाओं के विषय में कहा कि सिंगापुर के सहयोग से 600 करोड़ रूपये की लागत से भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित होगा। प्रत्येक संभाग में कम से कम एक आदर्श आईटीआई खोला जायेगा। हर साल ढाई लाख बेटियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। दिव्यांगों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिलाओं के स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को आंदोलन का रूप दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज सभी जरूरी अधोसंरचनात्मक व्यवस्थाएँ उपलब्ध हैं। अनुकूल वातावरण है। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना जैसी नवाचारी योजनाएँ हैं। प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

मध्यप्रदेश की सरकार सरल और प्रभावी सरकार

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा है कि पिछले छह दशक में शिक्षा को कौशल विकास का साथ नहीं मिला। इसलिये कौशल विकास के क्षेत्र को अपेक्षित प्राथमिकता नहीं मिल पाई। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर पहली बार कौशल विकास को महत्व मिला है। उन्होंने नये कौशल विकास मंत्रालय के लिये 26 हजार करोड़ का बजट दिया है। अब पोलिटेक्निक, आई.टी.आई. और लघु अवधि के रोजगारोन्मुखी पाठयक्रमों को कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया है।

श्री रूड़ी ने कहा कि जिस मात्रा में उद्योगों में रोजगार उपलब्ध है उस मात्रा में कौशल संपन्न जनशक्ति तैयार नहीं हो पा रही है। उन्होंने मध्यप्रदेश की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की सक्रियता और संवेदनशीलता से कौशल विकास में मध्यप्रदेश अन्य प्रदेशों से आगे निकल गया है। श्री रूड़ी ने उद्योगों और कौशल की आवश्यकता में परस्पर गठजोड़ करने पर जोर देते हुए कहा कि सभी राज्यों को इस दिशा में तैयारी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निर्माण के क्षेत्र में तीन करोड़ लोगों की जरूरत है। अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में प्रशिक्षित लोग चाहिये। उन्होंने बताया कि देश में 13 हजार आई.टी.आई. है जिनमें 23 लाख बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब आई.टी.आई में आठवीं पास बच्चे को 10वीं और 10वीं पास बच्चों को बारहवीं कक्षा की मान्यता होगी। उद्योगों के सुझाव पर नये ट्रेड भी पढ़ाये जायेंगे।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने मध्यप्रदेश में कौशल विकास की दिशा में हुए काम की सराहना करते हुए कहा कि श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश ने तेज गति पकड़ी है। मध्यप्रदेश की सरकार सरल और प्रभावी सरकार है। यहाँ की नौकरशाही भी पूर्णत: जवाबदेह है। उन्होंने उद्योगों का आव्हान किया कि वे अपने अनुभव, ज्ञान और जरूरत के अनुरूप बताये कि किस प्रकार का कौशल अपने उद्योगों के लिये चाहते हैं। इससे दोनों को परस्पर लाभ होगा। युवाओं को रोजगार मिलेगा और उद्योगों को कौशल संपन्न युवा शक्ति मिलेगी।

प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि मध्य प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं। सीमेंट हब और पावर हब बन गया है। अब इंदौर आई टी हब बन रहा है। कौशल विकास की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोजगार देने वाले और प्राप्त करने वाले एक मंच पर आना चाहिए। स्किल की कमी अब दूर हो रही है। बेरोजगारी का कलंक मिटाना पहली प्राथमिकता है।

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