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पंचकल्याणक में हुआ भगवान का गर्भकल्याणक


आदिनाथ भगवान की मां ने देखे 16 सपने, सपनों के फलों का हुआ निदान

उज्जैन। मुनिश्री समतासागर महाराज एवं ऐलकश्री निश्चयसागरजी महाराज के सानिध्य में श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर में श्री 1008 मज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिंब पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत बुधवार को मक्सी रोड़ स्थित आईटीआई में बनी अयोध्या नगरी में गर्भकल्याणक (उत्तर रूप) का भव्य महोतसव मनाया गया। ब्रह्मचारी अभय आदित्य भैय्या एवं ब्रह्मचारी सुनील भैय्या के सानिध्य में प्रातः 6 बजे मंगलाष्टक, अभिषेक शांतिधारा, नित्य नियम की पूजा, श्रीजी के गर्भकल्याणक की पूजा, हवन हुआ जिसमें एक आहूति विश्व शांति के लिए भी डाली गई। 

मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल एवं गौरव लुहाड़िया ने बताया कि महाराजश्री को धर्मेन्द्र सेठी परिवार ने शास्त्र भेंट किया। पाद प्रक्षालन केसी जैन, चित्र अनावरण और दीप प्रज्जवलन प्रो. मधुला जैन एवं सुशीला जैन ने किया। ऐलकजी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य हीरालाल बिलाला को प्राप्त हुआ। प्रातः 9 बजे गर्भकल्याणक के उपलक्ष्य में दिव्य देशणा मुनिश्री के द्वारा प्रवचन के माध्यम से दी गई जिसमें उन्होंने कहा कि उर्वरक भूमि में बोया गया बीज जैसे समय पाकर फलीफुत होता है ठीक उसी प्रकार महान माताओं की गर्भभूमि में जब किन्हीं पुण्य पुरूषों के योग से विशिष्ट तेजस्विता का तेज पड़ता है तब वह गर्भ साधारण गर्भ ना रहकर गर्भकल्याणक का कारण बन जाता है। कुछ लोग पूछते हैं कि गर्भकल्याणक का संबंध धर्म से कैसे और इसे कल्याणक क्यों कहते हैं। तो वह इसलिए कि यह सुयोग को पाकर एक ऐसा पुण्यशाली जीव गर्भ में आता है जो न केवल स्वयं का कल्याण करेगा अपितु अवतरित होकर जननी, जनक और संपूर्ण जगत का भी कल्याण करेगा। यह कल्याण पूर्व और उत्तर क्रियाओं के रूप में दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन रात्रि में इंद्र दरबार लगता है जिसमें तत्वचर्चा के रूप में सौधर्म इंद्र अपने अन्य इंद्रों के प्रश्नों का समाधान करता है। कुबेर रत्नवृष्टि करता है, अष्टकुमारियां माता की सेवा करती हैं। माता को 16 स्वप्न दिखाई देते हैं। गर्भकल्याण के उत्तर में महाराजा नाभिराय का दरबार लगता है। महारानी मरूदेवी द्वारा पूछे गये स्वप्नों का फलादेश बताया जाता है। इंद्र स्वर्ग से भेंट लेकर आते हैं, 56 कुमारियों के रूप में छोटी-छोटी बालिकाएं माता को भेंट समर्पित करती हैं। 

मुनिश्री ने गर्भ कल्याण के रूप में बताते हुए कहा कि सांसारिक जीवन में एक व्यक्ति को कम से कम 3 संतानें अवश्य होनी चाहिये, एक वंश परंपरा को चलाने के लिए, दूसरी धर्म परंपरा को चलाने के लिए और तीसरी अपने देश की रक्षा के लिए। शुभ भावनाओं से गर्भ कल्याण को धारण करते हुए उसे 16 प्रकार के संस्कारों से संस्कारित भी करना चाहिये। दिव्य देशणा के उपरांत दोपहर 2.30 बजे से भव्य शोभायात्रा भगवान के माता की मंदिर से अयोध्या नगरी प्रांगण तक पहुंची जिसमें माता-पिता हाथी पर बैठकर, ढोल बांजे बैंड, ध्वजा, बग्घियां, घोड़े बग्घियां शामिल हुए। यहां माता की गोद भराई का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें देशभर से आए लोगों ने माता की गोद भराई की। तत्पश्चात मुनिश्री ने माता की गोद भराई और घटयात्रा का महत्व बताया। शाम को गजराज पर बैठकर महाआरती के पात्रों द्वारा संगीतमय महाआरती सागर, उमरिया, जबलपुर से आये कलाकारों द्वारा संपन्न कराई गई। तत्पश्चात विद्वानों में सुनील भैय्या इंदौरवालों के प्रवचन हुए। रात्रि 8 बजे राजेन्द्र उमरगा द्वारा महाराजा नाभिराय दरबार को सुशोभित किया गया। दरबार में संपूर्ण देश के राजा महाराजा अपनी वेशभूषा में आए और उन्होंने मंच पर आकर राजा को अपनी ओर से भेंट प्रस्तुत की एवं सौधर्म इंद्र ने कुबेर को आदेश दिया कि धरती पर 13 करोड़ रत्नों की वृष्टि की जाए। स्वप्नों का फलादेश, माता की सेवा छप्पन कुमारियों द्वारा भेंट गीत नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डाॅ. मोहन यादव, बाबूलाल जैन उपस्थित थे। जिनका स्वागत धर्मेन्द्र सेठी, कमल मोदी, सी.के. कासलीवाल, सुनील जैन ट्रांसपोर्ट, महेन्द्र जैन, सुनील वस्त्रलोक, धीरेन्द्र सिंघई, भौतिक पाटौदी ने किया। वित्त व्यवस्था समिति के अतुल सोगानी, प्रदीप बदनौरे, आशीष लुहाड़िया, पवन लुहाड़िया, हीरालाल बिलाला, सुनील कोठारी, रमेश जैन, मूर्ति प्रतिष्ठा व्यवस्था समिति के विनय गर्ग, अशोक पाटनी, विनोद बड़जात्या, ओम जैन, अनिल डोसी, आवास व्यवस्था समिति के संजय लुहाड़िया, अमित सेठी, सुशील लुहाड़िया, अजय गर्ग, विजय लुहाड़िया, मुनिसंघ व्यवस्था समिति अनिल पतंग्या, महावीर बड़जात्या, महिपाल गंगवाल, निलेश सेठी, अस्थाई विद्युत व्यवस्था समिति जतिन्द्र मोदी, अमित जैन, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था समिति अशोक जैन, ललित जैन, त्यागीवृत्ति भोजन समिति के अनिता जैन, ऋषभ जैन, तेजकुमार विनायगा, अण्णा अहाड़े, संदेश जैन, सुनील जैन शामिल हैं। पंचकल्याणक समिति के अध्यक्ष सुनील जैन खुरई, कार्याध्यक्ष अशोक जैन गुनावाले, महासचिव राजेन्द्र लुहाड़िया, अरविंद बुखारिया, कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र जैन, संजय लुहाड़िया, संयोजक विजेन्द्र गंगवाल सुपारीवाले, जीवंधर जैन बाकलीवाल है। 

आज होगी जन्मकल्याणक की धूम

पंचकल्याणक महोत्सव में आज 1 जून को जन्मकल्याणक की धूम रहेगी। इसके साक्षी बनने देशभर से समाजजन आएंगे। 1008 कलशों से बालक आदिकुमार का जन्माभिषेक होगा। 

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