देश में पहली बार हुआ गर्भाशय प्रत्यारोपन
महाराष्ट्र के पुणे में गुरुवार को डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया. डॉक्टरों ने देश में पहली बार गर्भाशय का प्रत्यारोपण किया. यह प्रत्यारोपण एक ऐसी युवती के शरीर में किया गया जो जन्म से गर्भाशय विहीन थी. उसे गर्भाशय उसकी 45 वर्षीय मां ने दिया. यह ऑपरेशन सफल रहा. इस सर्जरी के बाद अब यह युवती गर्भधारण कर सकेगी. हालांकि डॉक्टरों का कहाना है कि अभी दो दिन महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मरीज को निगरानी में रखा जाएगा.
डॉक्टरों ने शुक्रवार को इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश का पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण 21 वर्षीय युवती में किया गया. डॉक्टरों ने नौ घंटे में इस आपरेशन को पूरा किया. गैलेक्सी केयर लैप्रोस्कोपी इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने यह सर्जरी की. कोल्हापुर की रहने वाली युवती के शरीर में जन्म से ही गर्भाशय नहीं था. महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य निदेशालय की मंजूरी के बाद यह प्रत्यारोपण किया गया. युवती को उसकी 45 वर्षीय मां ने गर्भाशय दान किया है.
ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले आंकोसर्जन डॉ शैलेश पुतांबेकर ने संवाददाताओं से कहा, "आपरेशन सफल रहा. अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं और मरीज को निगरानी में रखा गया है." डॉक्टरों ने कहा कि अब महिला को मासिक स्राव भी होगा और वह गर्भ भी धारण कर सकेगी.
गौरतलब है कि दुनिया में पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण स्वीडन में सन 2013 में एक 36 वर्षीय महिला में किया गया था. उसका जन्म भी बिना गर्भाशय के हुआ था. उसे उसकी एक 60 वर्षीय मित्र ने गर्भाशय दान किया था. बाद में महिला ने गर्भ धारण किया और बेटे को जन्म दिया था. अभी तक दुनिया भर में करीब दो दर्जन गर्भाशय प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं. अब भारत में भी गर्भाशय प्रत्यारोपण संभव गया है.