200 पुरानी बौद्ध भिक्षु की ममी मिली
उतानबातर। मंगोलिया क राजधानी अलानबातर में पुलिस ने एक घर पर छापे में एक बौद्ध भिक्षुक की ममी बरामद की है। सोशल मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार यह घटना 27 जनवरी 2015 की है। बताया जा रहा है कि एन्ह्टॉर नाम के एक इंसान को यह ममी पहाड की एक गुफा में जानवरों की खाल में लिपटी हुई बरामद की है।
पुलिस के अनुसार यह शख्स इस ममी को ब्लैक मार्केट में बेचने की फिराक में था। बताया जा रहा है कि 200 साल पुरानी यह ममी एक बौद्ध भिक्षुक की है जो पद्माशन में बैठा हुआ है। इस ममी की दोनों हथेलियां खुली हुए है। ममी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वह ध्यान मुद्र में बैठा हुआ हो।
जाने माने भिक्षुक दलाई लामा के डॉक्टर बैरी कर्जिन ने दावा है कि ममी मरा नहीं है बल्कि तुकदम में बैठा हुए है। तुकदम मेडीटेशन की एक गहरी स्टेज होती है। इतना ही नहीं डॉ. कार्जिन का कहना है कि उन्होंने तुकदम में बैठे हुए बहुत से लोगों की जांच कर चुके हैं।
डॉ कार्जिन के अनुसार अगर इंसान 3 सप्ताह से ज्यादा तुकदम में बना रहे तो उसका शरीर सिकुडने लगता है और अंत में बाल, नाखून और कपडे ही बचते हैं। कार्जिन का कहना है कि इस स्थिति में भिक्षुक के परिवार वालों को कई दिनों तक आकाश में इंद्रधनुष दिखता है। इंद्रधनुष दिखने का मतलब होता है कि भिक्षुक को इंद्रधनुष काया मिल गई है। यह बुद्ध के करीब की अवस्था होती है।
कार्जिन कहते हैं कि भिक्षुक को बॉडी सिर्फ सिकुडी है बॉडी में सडन नहीं आई। जबकि साइंटिस्ट का कहना है कि बॉडी में सडन इसलिए नहीं हुई क्योंकि ठंडी जगह पर रखी हुई थी। जहां पर भिक्षुक की बॉडी रखी हुई थी वहां का तापमान -27 डिग्री तक होता है।
बताया जा रहा है कि यह ममी 12वें पंडितों हम्बो लामा दाशी दोरझो इतिगिलोव (1852-1927) के गुरु की हो सकती है। 12वें पंडितो की बॉडी भी ध्यान मुद्रा में मिली थी। हालांकि यह ममी मंगोलिया के नेशनल सेंटर फॉर फोरेंसिक एक्सपर्टाइज के संरक्षण में है।