मलेरिया दिवस मनाया गया बचाव के उपाय बताये गये
उज्जैन । विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल को मनाया गया। मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये प्रतिवर्ष मलेरिया दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण रणनीतियों का क्रियान्वयन करने तथा लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिये सम्पूर्ण जिले में मलेरिया से रोकथाम के उपाय के लिये जनजागरण किया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रदीप व्यास ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया एक संचारी रोग है। यह मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मच्छर रूके हुए साफ पानी या धीरे-धीरे बहते हुए पानी में ही पैदा होते हैं। मलेरिया बुखार में व्यक्ति को सर्दी व कंपन के साथ बुखार आता है, सिरदर्द रहता है, थकावट एवं कमजोरी आती है।
मलेरिया से बचने के उपाय
विभिन्न उपायों से मलेरिया से बचा जा सकता है। आमजन अपने घरों के आसपास नालियों एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दें। रूके हुए पानी में सप्ताह में एक बार मिट्टी का तेल अथवा दोपहिये वाहन का जला हुआ तेल अवश्य डालें। ऐसा करने से मच्छरों की उत्पत्ति रूकती है। घरों में अन्दर ज्यादा दिनों तक स्टोर किये गये पानी में मीठा तेल डालकर उपयोग में लाना चाहिये। पानी की टंकी, नांद, कूलर, ड्रम का पानी व अन्य एकत्रित पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली किया जाये। पानी को ढंककर रखने से भी मलेरिया के लार्वा नहीं पनपते हैं। खिड़की दरवाजों में बारीक जालियां लगवायें, जिससे मच्छर घर में अन्दर प्रवेश न कर सकें। शाम के समय घरों में नीम की पत्तियों का धुंआ करने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने व शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने से मलेरिया से बचा जा सकता है। ज्यादा मच्छर होने पर नारियल व सरसों के तेल में नीमच का तेल मिलाकर शरीर के खुले हिस्सों में लेप करने से मच्छर नहीं काटते।
बुखार आने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर खून की जांच करवायें तथा समुचित उपचार लें। खून की जांच की सुविधा सभी शासकीय चिकित्सालयों, डिस्पेंसरी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ताओं के पास उपलब्ध है।