ओएसिस एकेडमी ने 35 हजार लेकर भी नहीं दी कोचिंग
ब्रोशर पर दिखाई फैकल्टीज, लेकिन पढ़ाने नहीं बुलाया-उपभोक्ता फोरम ने छात्र को राशि सहित परिवाद खर्च देने के दिए आदेश
उज्जैन। ओएसिस एकेडमी द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा सत्र 2015 की तैयारियों हेतु कोचिंग देने के नाम पर 35 हजार रूपये लेकर भी कोचिंग नहीं देने पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने छात्र को राशि लौटाने तथा परिवाद खर्च देने का आदेश सुनाया है। साथ ही निर्देश दिये हैं कि यदि 60 दिनों के अंदर ओएसिस एकेडमी तथा उसके संचालक द्वारा छात्र को भुगतान नहीं किया जाता है तो परिवाद दायर करने की दिनांक 12 अप्रैल 2016 से 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देना होगा।
मक्सी रोड़ स्थित गोपालपुरा निवासी रवीन्द्रसिंह पिता नारायणसिंह रावत से फ्रीगंज स्थित ओएसीस के संचालक सलीम एहमद खान पिता इकराम एहमद खान द्वारा सत्र 2015 के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु 35 हजार रूपये ले लिये। 23 नवंबर 15 को 15 हजार, 23 दिसंबर 15 को दस हजार तथा 6 जनवरी 16 को दस हजार रूपये सलीम खान द्वारा लिये गए। एकेडमी के ब्रोशर में विभिन्न फैकल्टीज के माध्यम से कोचिंग दिये जाने का उल्लेख किया गया था। लेकिन इन फैकल्टी को न तो बुलवाया गया, न ही सिलेबस पूर्ण कराया और न ही संबंधित स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया गया।
12 अप्रैल 2016 को रवीन्द्रसिंह द्वारा उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें कोचिंग के नाम पर ली गई 35 हजार की राशि के अलावा दो लाख रूपये की मानसिक कष्ट की राशि के अलावा 35 हजार रूपये का ब्याज एवं परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु परिवाद पत्र दो लाख 35 हजार की वसूली हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1996 की धारा 13 के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया। रवीन्द्रसिंह की ओर से अधिवक्ता धर्मेन्द्र धाकड़, वीरेन्द्रसिंह कुशवाह तथा विजय भाटी द्वारा पैरवी की गई। लगभग एक वर्ष बाद उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष गजेन्द्रसिंह, सदस्य पुरूषोत्तम तिवारी, विद्या व्यास द्वारा ओएसीस एकेडमी तथा सलीम खान को सेवा की कमी होने पर का दोषी पाते हुए रवीन्द्रसिंह को 35 हजार रूपये वापस तथा परिवाद व्यय 2 हजार रूपये देने का आदेश सुनाया। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि आदेश दिनांक से 60 दिनों के भीतर 37 हजार रूपये परिवादी को अदा नहीं करे तो परिवाद दायर होने की दिनांक से प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करना होगा।