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मातृभूमि से मांग रहीं सुशील, संगठित और सामथ्र्यशाली होने का आशीष


उज्जैन। समिति की प्रार्थना में स्वयंसेविकाएं मातृभूमि से प्रतिदिन ऐसी दिव्य शक्ति का आशीष मांगती हैं जिसके द्वारा वे सुशील, संगठित और सामथ्र्यशाली होकर दुष्ट प्रवत्तियों का विनाश कर सकें और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए भावी तेजस्वी हिंदू राष्ट्र की निर्माता बन सकें। 

यह बात राष्ट्र सेविका समिति के प्राथमिक शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में पिंकी आर्य ने कही। दैनिक शाखा और प्रार्थना विषया पर बोलते हुए आर्य ने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति की शाखा में होने वाले खेल केवल मनोरंजन के लिए नहीं होते अपितु उनसे स्वयंसेविकाओं में गुणों का निर्माण भी होता है। खेल केवल शारीरिक क्षमता में वृध्दि का काम ही नहीं करते वरन विश्लेषण क्षमता में वृध्दि, साहस, अनुशासन, एकता, सामूहिकता का पाठ पढ़ाते हुए हमें संगठन के सामथ्र्य से भी परिचित करवाते हैं। अध्यक्षता करते हुए अपर्णा जोशी ने कहा कि हमें स्वयं को आहार-विहार के माध्यम से स्वस्थ रखते हुए योग, प्राणायाम, आसनों के माध्यम से शारीरिक और मानसिक रूप से सबल बनाना चाहिये तभी हम अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना सार्थक योगदान दे पाएंगी। इस अवसर पर रमा पंड्या, सुशीला शर्मा, दीपा पांडे, रोमा सोनी आदि उपस्थित थीं। 

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