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आदर्श घर, परिवार का सपना भारतीय संस्कृति से ही संभव



उज्जैन। हम भारतीय संस्कृति को छोड़ पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रहे हैं जबकि पश्चिमी देश भारतीय परिवेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं। देशभक्ति
विलुप्त हो रही है, आदर्श परिवार सपना लगने लगा है, हम हमारे उत्सव को मनाना भूल रहे और पश्चिमी उत्सव जिनकी उत्पत्ति तक के बारे में हम नहीं
जानते उन्हें जोर शोर से मना रहे हैं। आदर्श घर, आदर्श परिवार यदि चाहिये तो भारतीय संस्कृति में ही मिल पाएगा, पश्चिमी संस्कृति में नहीं।

यह बात राष्ट्र सेविका समिति के प्राथमिक शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित निधि शर्मा एवं अतिथि के रूप में उपस्थित होम्योपैथिक डाॅ. पूजा बागड़ी ने कही। वर्ग कार्यवाहिका पिंकी आर्य एवं सर्वाधिकार प्रमुख सुशीला शर्मा के अनुसार ऋषिनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित शिविर में शारीरिक अभ्यास वर्ग भी प्रारंभ हुए जिनमें बालिकाओं को सशक्त बनने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इस अवसर पर दीपा पांडे, पिंकी आर्य, अनुपमा चैधरी, रेखा भालेराव, बीना खंडेलवाल, दीपा केवलिया आदि उपस्थित थीं। सुबह 5 से रात 10, बालिकाएं पढ़ रही अनुशासन का पाठ शिविर में हर काम वक्त पर हो रहा है। सभी बालिकाएं सुबह 5 बजे जागकर 5.30 से 5.50 तक प्रातः स्मरण, चिंतन सत्र, 5.50 से 6.10 तक योगासन, 6.10 से 6.25 हवन, 6.30 से 8.15 तक प्रभात शाखा, 8.15 से 8.45 अल्पाहार, 8.45 से 10 बजे स्नान, 10 से 10.25 योग निंद्रा, 10.30 से 11.05 श्लोक, प्रार्थना अभ्यास, 11.05 से 12 बौध्दिक सत्र, 12 बजे भोजन तदुपरांत विश्राम, 2.05 से 2.40 आचार पध्दति, 2.45 से 3.15 गीत अभ्यास, 3.20 से 4.20 कार्यशाला, श्रम साधना, 4.30 से 5.15 स्वल्पाहार, 6 से 7.30 सायं शाखा, 7.30 से 7.50 सायं स्मरण, भजन, वंदे मातरम, 8 से 9 तक भोजन, 9 से 10 रात्रि कार्यक्रम तथा 10 बजे दीप विसर्जन के साथ दिन का समापन कर रही हैं।

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