नाग की मौत के बाद नागिन ने छोड़ दिये प्राण, सालों से मंदिर में रहते थे एक साथ
नाग-नागिन की प्रेम कहानियों के किस्से अक्सर ही किताबों में पढ़े जाते हैं। इसे लेकर बालीवुड में कई सुपरहिट फिल्में भी बनी हैं। लेकिन नाग-नागिन की असली प्रेम कहानी मढ़बामोरा के ग्रामीण बीस सालों से देख रहे थे। इस प्रेम कहानी का अंत भी किसी बालीवुड की सुपरहिट मूवी की तरह ही हुआ।
अज्ञात कारण से पहले नाग की मौत हो गई तो कुछ ही देर बाद उसके पास ही नागिन ने दम तोड़ दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने इस नागनागिन के जोड़े का पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया। पास ही स्थित ग्राम मढ़बामोरा में प्राचीन जिंद बाबा का मंदिर है। जिसमें पिछले 20 सालों से नाग-नागिन का एक जोड़ा रहता था। लोग अक्सर ही मंदिर में जोड़े को एक साथ देखते थे। इन दोनों ने कभी किसी भक्त को नुकसान नहीं पहुंचाया। जो लोग मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते थे तो जोड़े के भी दर्शन करते थे।
नाग के पास आकर नागिन ने तोड़ा दम
गांव के हरिओम रघुवंशी ने बताया कि मंदिर के आसपास कुछ लोग मजदूरी कर रहे थे। इन लोगों ने देखा कि नाग अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो लगा कि उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन इसके कुछ देर बाद ही नागिन भी वहीं आ गई। काफी देर तक वह इधर-उधर रेंगती रही, लेकिन कुछ देर बाद वह भी अचेत होकर रह गई। ग्रामीणों ने देर शाम तक इन्हें एक ही अवस्था में पड़ा रहने पर लोकेंद्र रघुवंशी ने करीब जाकर देखा तो दोनों की मौत हो चुकी थी। इसके बाद देखते ही देखते लोगों को हुजूम इस जोड़े को देखने के लिए पहुंच गया। रात में दोनों को मंदिर के पास ही रख दिया।
ग्रामीणों की छलक पड़े आंसू
रघुवंशी ने बताया कि सुबह 10 बजे गांव के सभी लोग एकत्रित हुए और दोनों को एक साथ उठाकर "ङाचीन हजारिया महादेव मंदिर के पीछे ले गए। यहां पर मंत्रोच्चार और पूरे विधि विधान से दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया। इस दौरान मौजूद हर ग्रामीण की आंखें नम थीं। मौजूद लोग नाग-नागिन की "ङेम कहानी और उनके द्वारा कभी किसी को नुकसान न पहुंचाने की बातें एक दूसरे को बता रहे थे।
प्रेमी जोड़े के नाम से जानते थे
गांव के लोग इसे प्रेमी जोड़े के नाम से जानते थे। जो लोग श्रद्धा भाव से यहां आते थे उन्हें नाग नागिन के जोड़े के भी दर्शन हो जाते थे। एक दिन पहले शुक्रवार को इस जोड़े की मौत हो गई। पहले तो ग्रामीणों को शक हुआ कि किसी ने इन्हें मार तो नहीं डाला, लेकिन दोनों को करीब से देखने के बाद ये शक दूर हो गया। ग्रामीणों ने शनिवार सुबह दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार कर शोक मनाया।