1 अप्रैल से इन्कम टैक्स, बैंक और प्रॉपर्टी से जु़ड़े इन नियमों होगा ये बदलाव !
1 अप्रैल आने वाला है और नए वित्त वर्ष के साथसाथ आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में भी कई बदलाव आने वाले हैं. इन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है क्योंकि ये बदलाव सीधे आपके पैसों से जुड़े हुए हैं. बदले नियमों की वजह से आपको कोई परेशानी न हो इसके लिए यहां आपको सारी जानकारी दी जा रही है.
ये हैं वो नियम है जो 1 अप्रैल से बदलने जा रहे है.
1. इनकम टैक्स से जुड़े नियम
बुधवार को लोकसभा में वित्तीय बिल के पास होते ही बजट 2017 में किए गए टैक्स संबंधित सभी प्रवधान अब कानून बन गए हैं. नए कानूनों के मुताबिक 1 अप्रैल से 2.5 लाख से 10 लाख के बीच इनकम वालों का टैक्स 10 से घटकर 5 फीसदी यानी आधा हो जाएगा और 50 लाख से 1 करोड़ रुपये की आय वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा.
वित्त वर्ष 201718 के लिए टैक्स रिटर्न भरने में देरी करने वालों पर 5000 रुपये की पेनाल्टी लगने का नियम शुरू हो जाएगा. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए टैक्स रिटर्न भरने में देरी होने की स्थिति में 5,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी यदि रिटर्न 31 दिसंबर 2018 तक दाखिल कर दिया गया है. जैसा कि आप जानते हैं आईटी-रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई होती है. वहीं 31 दिसंबर के बाद आईटी रिटर्न भरने वालों पर 10,000 रुपये की पेनल्टी लगाई जाएगी. हालांकि छोटे टैक्सपेयर्स (5 लाख आय) वालों को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि उनके लिए यह पेनाल्टी 1000 रुपये रहेगी.
केंद्र सरकार ने वस्तुओं ओर सेवाओं की खरीद के दौरान 2 लाख रुपये से ज्यादा के कैश पेमेंट पर लगने वाले टैक्स को खत्म किया है. 1 अप्रैल से 2 लाख से ऊपर के कैश ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने के बाद यह फैसला किया गया है.
5 लाख तक की बिजनेस आमदनी वालों के लिए आईटीआर भरते समय एक ही फॉर्म होगा जो कि पहले के मुकाबले आसान होगा. पहले एक से ज्यादा फॉर्म होते थे. 5 लाख रुप से ज्यादा सालाना आमदनी (नॉन-बिजनेस इनकम) वालों के लिए 1 पेज का टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया जाएगा. वहीं पहली बार इस कैटेगरी में टैक्स रिटर्न भरने वालों के फॉर्म की स्क्रूटनी नहीं होगी.
1 जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त आधार नंबर का होना जरूरी होगा. इसके बिना आप आईटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे.
वित्त वर्ष 2017-18 से यानी 1 अप्रैल 2017 से राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश करने वालों को मिलने वाली टैक्स छूट खत्म होगी. हालांकि 1 अप्रैल 2017 से पहले इस निवेश पर छूट क्लेम करने वालों को अगले 2 साल तक टैक्स बेनेफिट दिया जाएगा.
आधार कार्ड को जरूरी सरकारी सुविधाओं के लिए जरूरी करने की दिशा में और आगे बढ़ते हुए सरकार ने पैन पाने के लिए भी अब आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया है.
2. प्रॉपर्टी के लेनदेन से जुड़े बदलाव
प्रॉपर्टी से पैसा कमाने वालों के लिए भी फाइनेंस बिल में बड़े बदलाव हुए हैं. कैपिटल गेन टैक्स से बचने के लिए प्रॉपर्टी को रखने की टाइम-लिमिट हो जाएगी. इसे 3 साल से घटाकर 2 साल किया जाएगा. इस बदलाव से अब आपकी 2 साल पुरानी संपत्ति को बेचने पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा वहीं बेचने के बाद उसे फिर से निवेश करने की स्थिति में वह छूट का हकदार होगा. यानी प्रॉपर्टी बेचने में हुए कैपिटल गेन्स को अगर गवर्नमेंट लिस्टिड बॉन्ड में इंवेस्ट किया जाता है तो आपको टैक्स छूट मिल पाएगी.व
हीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में टैक्स ऐसेसमेंट करने के लिए महंगाई और कैपिटल की गणना का साल भी बदला गया है. इसे 1 अप्रैल, 1981 की कीमतों से बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2001 कर दिया है. इस बदलाव के बाद प्रॉपर्टी बेचने से मिलने वाला मुनाफा कम हो जाएगा.
वहीं उन प्रॉपर्टी होल्डर्स के लिए टैक्स बेनेफिट में कमी 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी जो उधारकर्ता बन कर किराए का फायदा उठाते हैं.
50,000 से ज्यादा का मकान का किराया पाने वालों को 5 फीसदी अतिरिक्त टीडीएस देना होगा.
पेशनधारकों के लिए निर्देश आए कि, अलग से की जाने वाली निकासी का नेशनल पेंशन सिस्टम से कोई लेना देना नहीं होगा.
3. बैंकों के बदलने वाले नियम
देश के सबसे बड़े बैंक स्टे बैंक ऑफ इंडिया कि एटीएम ट्रांजेक्शन के नियम 1 अप्रैल से बदल जाएंगे. एक अप्रैल से एसबीआई ग्राहक सिर्फ 3 बार खातों में मुफ्ट पैसे जमा कर पाएंगे. इसके बाद हर डिपॉजिट पर 50 रुपये का शुल्क लगेगा. इसके साथ ही बैंक के एटीएम से भी 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन के बाद 10 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन का चार्ज लगेगा. एसबीआई 1 अप्रैल से एसएमएस सेवा के लिए भी चार्ज लेना शुरू करेगी.1 अप्रैल से देश में 5 बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला एसबीआई में शामिल होंगे और अलग बैंक की तरह बंद होकर एसबीआई का ही हिस्सा हो जाएंगे. अलावा भारतीय महिला बैंक भी एसबीआई में शामिल होंगी.
4. भारतीय रेल के लिए नए नियम
रेलवे की विकल्प स्कीम के तहत 1 अप्रैल से नए नियमों के तहत वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स को राजधानी, शताब्दी या दूसरी प्रीमियम/स्पेशल ट्रेनों में सफर का मौका मिल सकता है. विकल्प के जरिए एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए पर राजधानी-शताब्दी जैसी ट्रेनों में सफर कर पाएंगे अगर यात्रियों का टिकट वेटिंग लिस्ट में है तो.