वोडाफोन-आइडिया का होगा विलय, बनेगी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी
खबर के मुताबिक, नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. जबकि आइडिया के पास 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. आइडिया प्रोमोटर्स के पास 130 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से एडिशनल 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार रहेगा. आगे जाकर आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन का हिस्सा बराबर हो जाएगा.
क्या है डील
वोडाफोन इंडिया और इसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड और आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया सेल्युलर का विलय हो जाएगा.
क्या होगा फायदा
मर्जर के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी. फिलहाल भारती एयरटेल सबसे बड़ी कंपनी है. मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश में टेलिकॉम सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी होगी. इसके करीब 38 करोड़ कस्टमर्स होंगे.
कितनी बड़ी कंपनी
रिपोर्ट्स के अनुसार, वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से बनने वाली कंपनी का रेवेन्यू 77,500 करोड़ से 80,000 करोड़ रुपए होगा. 7 सर्कल्स में वोडाफोन इंडिया के स्पेक्ट्रम और आइडिया के 2 स्पेक्ट्रम जिनका परमिट 2021-22 में खत्म हो रहा है, उनकी कंबाइंड वैल्यू पिछली नीलामी की कीमत के हिसाब से 12,000 करोड़ रुपए है.
खबरों के मुताबिक, नई कंपनी का रेवेन्यू देश की टेलिकॉम इंडस्ट्री के कुल रेवेन्यू का 43 प्रतिशत होगा. नई कंपनी के पास भारतीय बाजार के कुल 40 प्रतिशत मोबाइल सब्सक्राइबर्स और कुल आवंटित स्पेक्ट्रम का 25 प्रतिशत हिस्सा होगा.
किसके हाथ कमान
सूत्रों के मुताबिक, वोडाफोन मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी में सीईओ और सीएफओ पद का चुनाव करेगा जबकि कंपनी का चेयरमैन घोषित करने का हक आइडिया को होगा.
जियो का इफेक्ट?
आइडिया और वोडाफोन के साथ आने के पीछे टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ती मुश्किलों के साथ-साथ रिलायंस जियो इफेक्ट को भी माना जा रहा है. रिलायंस जियो ने 4जी सर्विस लॉन्च के कुछ महीनों में ही 10 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने में कामयाबी पाई है.
एयरटेल ने खरीदा टेलिनॉर
पिछले महीने भारती एयरटेल ने कहा था कि वह टेलिनॉर इंडिया को खरीद रहा है. नॉर्वे की कंपनी टेलिनॉर ने तब भारतीय बाजार से अपना कारोबार समेटने जा रही है. एयरटेल उसके भारतीय एसेट खरीद रहा है.