समान कार्य के लिए महिलाओं को पुरूषों के समान वेतन मिलना चाहिए
संदीप कुलश्रेष्ठ
जॉब पोर्टल मॉन्स्टर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा हैं कि भारत देश में एक जैसा काम करने के लिए महिलाओं को पुरूषों की तुलना में 25 प्रतिशत कम वेतन मिलता हैं। हमारे देश में पुरूषों और महिलाओं के समान कार्य के लिए वेतन में इतना अंतर होना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता । इसके लिए केंद्र शासन को और केंद्रीय श्रम विभाग को आवश्यक पहल करने की आवश्यकता हैं।
जॉब पोर्टल मॉन्स्टर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में पुरूष एक घंटे में औसत 345.80 रूपये कमाते हैं। जबकि इस अवधि के लिए महिलाओं की कमाई 259.8 रूपये ही हैं। वेतन में सबसे ज्यादा अंतर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दर्ज किया गया हैं, जबकि सबसे कम अंतर एजुकेशन व रिसर्च सेक्टर में देखा गया हैं।
मॉन्स्टर इंडिया के सर्वे ‘वुमेन ऑफ इंडिया इंक‘ के अनुसार 62.4 प्रतिशत महिलाएं यह मानती हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरूषों को प्रमोशन के भी ज्यादा मौके मिलते हैं। जॉब पोर्टल मॉन्स्टर ने यह सर्वे देश भर की दो हजार से ज्यादा महिलाओं के बीच किया था। इसमें पाया गया कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में महिलाओं को पुरूषों की तुलना में 29.9 प्रतिशत कम वेतन मिलता हैं। आई टी के क्षेत्र में महिलाओं को पुरूषों की तुलना में 25.8 प्रतिशत कम वेतन मिलता हैं। बैंक और बीमा के क्षेत्र में महिलाओं को पुरूषों की अपेक्षा 21.5 प्रतिशत कम तनख्वाह मिलती हैं। इसी प्रकार शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में महिलाओं को पुरूषों की तुलना में 14.7 प्रतिशत कम सैलरी मिलती हैं।
मॉन्स्टर डॉट कॉम के प्रबंध निर्देशक श्री संजय मोदी इस संबंध में कहते है कि इस अंतर को पाटने के लिए स्ट्रक्चर में बदलाव लाने और इसकी रूकावटों को दूर करने की जरूरत हैं। इसके लिए ठोस प्रबंध करने होगे।कुल 68.5 प्रतिशत महिलाओं ने कहा हैं कि वर्कप्लेस में लैंगिग भेदभाव चिंता का विषय हैं। इस पर मैनेजमेंट को बात करनी चाहिए, तभी इस समस्या का निराकरण हो सकता हैं। कुल 62.4 प्रतिशत महिलाओं के अनुसार उनकी तुलना में पुरूष सहकर्मियों को ज्यादा और जल्दी प्रमोशन मिलता हैं। इसी प्रकार 13.1 प्रतिशत नौकरी पेशा महिलाओं ने यह माना हैं कि बच्चों की देखभाल उनके लिए सबसे बडी चुनौती है।
कोर्न फेरी हे ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार महिला और पुरूषों के वेतन में अंतर की सबसे बडी वजह ज्यादा वेतन वाले क्षेत्रों में महिलाओं का कम होना हैं। जैसे तेल -गैस ,तकनीक और लाइफ साइंसेज जैसे ज्यादा वेतन देने वाले क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बहुत कम हैं। इन क्षेत्रों में बड़े और नेतृत्व करने वाले पदों पर पुरूषों का कब्जा हैं। इसके अतिरिक्त कम सैलरी वाले क्षेत्रो में जैसे पर्यटन , होटल, हॉस्पिटेलिटी में भी बडे और मैनेजमेंट स्तर पर ज्यादा सैलरी वाले पुरूषों का दबदबा हैं।
पुरूषों और महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन तभी मिल सकता हैं , जब प्रबंधन के क्षेत्र में बैठे शीर्ष व्यक्तियों की मानसिकता में बदलाव आए। इसके लिए बडे व्यवसायिक घराने को आगे आने की आवश्यकता हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी चाहें तो ठोस पहल कर सकते हैं। और वे इस अंतर को पाटने की दिशा में ठोस प्रयास कर कारगर कारवाई भी कर सकते हैं।
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