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रीवा सौर परियोजना के लिये विश्व बैंक ऋण देगा


 

विश्व बैंक की वाशिंगटन में 30 मार्च को होने वाली बैठक में मिलेगी ऋण स्वीकृति 

विश्व बैंक रीवा सौर परियोजना की आंतरिक पारेषण व्यवस्था विकसित करने के लिये ऋण देगा। इस ऋण का 25 प्रतिशत हिस्सा क्लीन टेक्नालॉजी फंड का होगा, जो एक अति रियायती ऋण है और मात्र 0.25 प्रतिशत ब्याज पर मिलता है। यह ऋण कम दर पर प्राप्त होने से टेरिफ पर 5 पैसे का लाभ आंकलित है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर संस्था देश की ऐसा ऋण लेने वाली पहली संस्था बन गई है। यह ऋण 30 मार्च, 2017 को वाशिंगटन में होने वाली विश्व बैंक की बोर्ड बैठक में स्वीकृत किया जायेगा।

यह निर्णय भारत में सोलर पार्क विकास के लिये दिल्ली में विश्व बैंक के 100 मिलियन डालर ऋण के सिलसिले में हुई बैठक के दौरान लिया गया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में केन्द्र सरकार के आर्थिक कार्य विभाग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विश्व बैंक वाशिंगटन के अधिकारी उपस्थित थे। मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने किया।

विश्व बैंक यह ऋण इंडियन रिन्युवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी को देगा, जो ऋण को देश के सोलर पार्क विकासकों में वितरित करेगा। वर्तमान में देश में इस ऋण का लाभ लेने वाली एकमात्र संस्था रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर (RUMS) है और रम्स द्वारा ही विश्व बैंक से विस्तृत चर्चा कर ऋण स्वीकृत करवाया गया है।
बिन्दु सुनील

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