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व्यापार कारोबार की तरह तप आराधना भी जरूरी, आचार्य विश्वरत्नसागरजी व मुनि मंडल का सूरजनगर में हुआ मंगल


 

उज्जैन। मालव भूषण आचार्य नवरत्नसागर सूरिश्वरजी के कृपापात्र पट्टधर शिष्य आचार्य विश्वरत्नसागरजी व मुनिमंडल का सूरजनगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। दौलतगंज स्थित कांच के मंदिर से बैंडबाजों के साथ, साधु साध्वीवृंद का मंगल आगमन जब काॅलोनी में हुआ तो घर-घर उनकी अगवानी हुई और अक्षत-श्रीफल गहूली, मार्ग में स्वागत द्वार सजे और कई स्थानों पर प्रभावना वितरित हुई। यहां आयोजित धर्मसभा में आचार्यश्री विश्वरत्नसागरजी ने कहा कि जिस तरह व्यापार, कारोबार, नौकरी को हम जरूरी मानते हैं उसी तरह प्रभु की भक्ति, तप व संयम का पालन भी जीवन में जरूरी है। व्यापार से कमाया धन तो यहीं छूट जाएगा लेकिन धर्म से कमाई पूंजी आत्मकल्याण के साथ अगले भव तक काम आएगी।

धर्मसभा के आरंभ में नवरत्न महिला मंडल, आदिश्वर बहु मंडल नयापुरा, मनोहर इंदु महिला मंडल, प्रियंका कांकरिया, ममता खलीवाला आदि ने स्वागत व वंदन गीत प्रस्तुत किये। इसके उपरांत मनोरमा बेन मोतीलाल कांकरिया परिवार की ओर से नवकारसी का आयोजन किया गया। महेन्द्र सिरोलिया, जयंतीलाल तेलवाला, नोहरलाल जैन, संजय खलीवाला, प्रकाश नाहर, राहुल कटारिया, अभय दाता, अभय जैन भैय्या, दिलीप गावड़ी, राहुल सर्राफ, नितेश नाहटा, बबलू भंसाली सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। लाभार्थी परिवार के प्रवीण कांकरिया ने आचार्यश्री को पाश्र्वनाथ परिसर में प्रस्तावित नूतन जिनालय की जानकारी दी। जिस पर आचार्यश्री ने प्रस्तावित स्थल पर मांगलिक श्रवण कराते हुए वासत्क्षेप डाला। संचालन राजेश डगवाला ने किया व आभार राकेश नाहटा ने माना।

तैयारियों को लेकर हुई बैठक, सामूहिक आयंबिल आज 15 मार्च को होने वाले आचार्य नवरत्नसागर के 74वें जन्मोत्सव की तैयारियों को लेकर खाराकुआ पेढ़ी उपाश्रय में दोपहर 2 बजे महिला मंडलों की बैठक आयोजित हुई। वहीं शाम को सकल श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा की। महोत्सव में विभिन्न शहरों के गुरूभक्त शहर आएंगे व मुंबई के प्रसिध्द गायक नरेन्द्र वाणीगोता विशेष धार्मिक प्रस्तुति प्रस्तुति देंगे। शनिवार को खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पर आचार्यश्री विश्वरत्नसागरजी की निश्रा में सामूहिक आयंबिल तप आराधना होगी।

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