भूटान के राजघराने में हुआ नालंदा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी का पुर्नजन्म !
आपने ऐसी कई खबरे पढ़ी ही होगी, जिनमें कोई बच्चा अपने पूर्व जन्म की असली कहानी बताता है, पर हालही का मामला काफी चकित कर देने वाला है क्योंकि इसमें एक ऐसा बच्चा है अपने आपको 1300 वर्ष पहले के भारत में पढ़ने वाला बता रहा है। जी हां और यही कारण है कि वर्तमान में इस खबर को काफी शेयर किया जा रहा है, आज के समय में जो भी इस बच्चे के बारे में जान रहा है वह हैरान होने से नहीं बच पा रहा है, आइए जानते हैं इस बच्चे के बारे में।
भूटान की राजमाता दोरजी वांगचुक जब भारत के दौरे पर आई तो उनके साथ में अन्य अधिकारियों के अलावा उनका नाती भी था। वह एक छोटा बच्चा है। ये सभी लोग भारत में अनेक स्थानों पर घूमे, पर जब ये लोग बिहार के नालंदा में गए, तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। दोरजी वांगचुक ने बताया कि जब उसका नाती महज एक साल का था, तो वह उस समय से ही नालंदा शब्द का उच्चारण करता था, पर जब वह कुछ बड़ा हुआ तो उसने बताया कि वह भारत के नालंदा विश्वविद्यालय का छात्र रहा है।
भूटान की राजमाता के इस नाती का नाम ट्रूएक वांगचुक है और वर्तमान में यह 3 वर्ष का है। नालंदा पुलिस अधीक्षक का कहना है कि विज्ञान चाहें जो भी धारणा पूर्वजन्म के संबंध में रखता हो, पर एक 3 वर्ष का बच्चा जिस प्रकार से उस प्राचीन समय की बातें बता रहा है, वह काफी चकित कर देने वाली हैं। महारानी के इस 3 वर्ष के नाती ने खुद ही साथ आए लोगों को दौड़-दौड़ कर वे सभी चीजें नालंदा के खंडर में दिखाई, जिनकी बातें वह भूटान में करता था और उसने सभी लोगों को अपने पढ़ने तथा रहने वाले कमरे को भी दिखाया। आपको जानकारी के लिए हम बता दें कि नालंदा की स्थापना 5 वीं सदी में गुप्त काल में हुई थी और यह विश्व का सबसे पुरातन विश्वविद्यालय था, जिसको 1193 में मुगलों ने आक्रमण कर नष्ट कर दिया था।