कान खींचकर तनाव मुक्त होने का तरीका
'कानून से आत्महत्या-हिंसा नहीं रुक सकती है। हमें आध्यात्मिक लहर लाना होगी। धर्म लोगों को बांटते हैं, जबकि आध्यात्म सबको जोड़ता है। सबको अपनाने की कला आध्यात्म है।"
ये कहना है आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का। वे बुधवार को विधानसभा ऑडिटोरियम में विधायकों को तनाव मुक्ति का तरीका बता रहे थे। कान खींचकर तनाव मुक्त होने का तरीका बताते हुए उन्होंने कहा कि कान खींचने से कल्याण होता है। धर्म ने गलत करने वालों के कान पकड़ने का अधिकार संतों को दिया है, इसे मैं बरकरार रखना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि एक जगह काम करने वालों में वाद-विवाद और विनोद होना चाहिए। इसमें चर्चा और संघर्ष दोनों हो सकता है, लेकिन इसे हृदय में नहीं रखना चाहिए। हृदय में हमेशा भोलापन झलकना चाहिए।
तीन साल में तनाव दुनिया की सबसे बड़ी समस्या
श्रीश्री ने कहा कि कहीं पढ़ा है कि 2020 तक दुनिया की सबसे बड़ी समस्या डिप्रेशन होगी। जिससे भारत का आध्यात्मिक ज्ञान ही मुक्ति दिला सकता है। उन्होंने कहा काम ज्यादा और ऊर्जा कम होने के कारण तनाव होता है। उन्होंने आनंद मंत्रालय बनाने पर सरकार को बधाई दी। श्रीश्री ने कहा कि ध्यान को कई तरह से देखा जाता है, लेकिन जागते हुए विश्राम की मुद्रा में चले जाना ही ध्यान है।
पहले सिखाया होता, तो यहां नहीं होते
श्रीश्री ने कहा कि हमने जेल में कैदियों को तनाव मुक्त रहने का तरीका सिखाया। प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें फायदा हुआ, तो उनमें से कुछ ने मुझ पर ही आरोप लगा दिया कि 'आपने पहले सिखाया होता, तो हम यहां नहीं होते।"
एक पैर पर खड़े होकर तप करना विकृति
श्रीश्री ने कहा कि लोग धर्म के नाम पर न जाने क्या-क्या करते हैं। कुछ लोग एक पैर पर खड़े होकर तपस्या करते हैं। अरे, किसे पाना चाहते हो। बाद में पैर सीधा नहीं होता, तो परेशान होते हैं। ये विकृति है। उन्होंने ध्यान के नाम पर लंबी प्रक्रिया कराने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ध्यान की आड़ में थकाना मूर्खाता है।