रूक जाना नहीं अभियान : समय पर रिजल्ट घोषित होना जरूरी
संदीप कुलश्रेष्ठ
राज्य सरकार ने कक्षा 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में फैल हुए बच्चों को एक और मौका देने के लिए एक अभिनव योजना हाल ही में शुरू की हैं, उसका नाम हैं रूक जाना नही अभियान । यह योजना अत्यंत सराहनीय हैं। बोर्ड परीक्षा में सामान्यतः बच्चें जल्दी तनाव में आ जाते हैं और इसी कारण फैल भी हो जाते हैं। ऐसे बच्चों के लिए यह अभियान एक वरदान से कम नही है। किंतु इस योजना में एक महत्वपूर्ण पहलू की और ध्यान दिया जाना जरूरी हैं। वह है, समय पर जल्दी रिजल्ट घोषित करना। दिसंबर 2016 में अभियान के अंतर्गत तीसरे चरण की परीक्षा हुई थी । उसका परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ हैं , जिसमें प्रदेश भर के 10वीं और 12 वीं के 58,770 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनके रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं होने के कारण इनका अगली कक्षा में बैठने का अवसर समाप्त सा हो गया है। जब समय पर रिजल्ट ही घोषित नही होगा तो फिर बच्चें कैसे अगली कक्षा की परीक्षा में बैठ सकेंगे ?
रूक जाना नहीं अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में कक्षा 10 वीं और 12वीं के 61,968 विद्यार्थी पास हो चुके हैं। पहले चरण में हुई परीक्षा में कक्षा 10 वीं में प्रदेश भर के 96,306 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इसी प्रकार कक्षा 12 वीं की परीक्षा में 77,176 विद्यार्थी शामिल हुए थे। प्रथम चरण में कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा मे शामिल हुए बच्चों में से 36,915 विद्यार्थी पास हुए। इसी प्रकार दूसरे चरण में भी दोनों कक्षाओं के 58,771 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 25,053 विद्यार्थी पास हुए हैं।
उज्जैन जिले में अभियान के अंतर्गत 40 फीसदी परिणाम प्राप्त हुए हैं। गत शिक्षा सत्र 2015-16 के अंतर्गत कक्षा 10 वीं व 12 वीं के जो परिणाम निकले थे, उनमें से 4,533 विद्यार्थी फैल हो गए थे। इनमें से कक्षा दसवीं के 2,385 विद्यार्थी फैल हो गए थे। इनमें कक्षा 12 वी के 2,148 विद्यार्थी फैल हो गए थे। फैल हुए इन सभी विद्यार्थियों को राज्य ओपन के माध्यम से रूक जाना नहीं अभियान के तहत परीक्षा फार्म भरवाए गए थे। उज्जैन जिले में उक्त दोनों कक्षाओं के 1800 विद्यार्थी परीक्षा में पास होकर अब आगामी कक्षाओं में अध्ययन कर रहे हैं।
प्रदेश मे इस अभियान के अंतर्गत तीन चरणों में परीक्षा हो चुकी हैं। दो चरणों के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। किंतु तीसरे चरण के परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं होने के कारण इनका भविष्य अंधकारमय हो गया हैं। उल्लेखनीय हैं कि 1 मार्च से 31 मार्च तक कक्षा बारहवीं की परीक्षाएं और 2 मार्च से 27 मार्च तक कक्षा 10 वी की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं।
किसी भी अभियान के शुरू होने से अभियान के सफल होने तक उसके पूरे क्रियान्वयन पर नजर रखने की आवश्यकता हैं। अभियान की सतत समीक्षा भी आवश्यक हैं। बीच बीच में आ रही समस्याओं को देखते हुए अभियान में परिवर्तन करने की भी आवश्यकता होती हैं। ऐसा होने पर ही किसी भी अभियान की सफलता सुनिश्चित की जा सकती हैं। ऐसा नहीं होने पर अभियान के असफल होने की संभावना बढ़ जाती हैं। इसलिए इस अभियान के जिम्मेदार शीर्ष अधिकारियों की यह जिम्मेदारी हैं कि वह यह देखे कि न केवल समय पर परीक्षा हो बल्कि समय पर और शीघ्र परीक्षा परिणाम भी घोषित हों , ताकि सफल विद्याथि्र्ायों को अगली कक्षा में बैठने का समय मिल सके। यदि ऐसा नहीं होगा तो फिर अभियान का उद्देष्य ही समाप्त हो जाऐगा।
------------000------------