प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने वाला बजट: नरेन्द्र सिंह तोमर
मप्र सरकार ने बजट में प्रदेश के सभी वर्गों के विकास का खासा ध्यान रखा है। मप्र सरकान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के विकास की अवधारणा के अनुरूप बजट पेश किया है। जिसमें हर वर्ग गांव, गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी का खासा ध्यान रखा गया है। बजट में इस बार स्वच्छ भारत मिशन और गांवों के तरक्की के द्वार खोले गए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य पर खासा ध्यान रखा गया है। सरकार का यह सरासनीय प्रयास है कि लोगों को महंगी जांच सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में दी जाएंगी। इसी तरह पिछड़े क्षेत्रों के छात्रावास खोलने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 36000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। खेलो का बजट 2003 की अपेक्षा 50 गुना बढ़ गया। पोषण आहार पर 2900 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। आगंबाड़ी केंद्र खुलेंगे। 1000 से ज्यादा आगनबाड़ी भवन बनेंगे। गाँवो मे सफाई पर 1750 करोड़ खर्च होंगे।10 हजार किमी सड़क का उन्नयन होगा। इस पर 200 करोड़ खर्च होंगे। गांवो मे 6 लाख 33 हजार आवास बनेंगे।इसके लिए 3500 करोड़ का प्रावधान बजट मे है। 23 लाख परिवारों मे सौशलय बनेंगे। इससे निश्चित रूप से प्रदेश के गांव, गरीब और मजदूर का विकास होगा।मनरेगा से ग्रामीनो को रोजगार मिल रहा है। मैं मानता हूं कि गांवों में स्वच्छ भारत मिशन को सार्थक करने की दिशा में मप्र सरकार जो काम कर रही है, वह सराहनीय हैं। बजट में भी मप्र सरकार ने गांवों की तरक्की का खासा ध्यान रखा है। सिंचाई सुविधाओं के विकास पर 9850 करोड़ खर्च होंगे। रकबा 2.5 लाख बढ़ने का लक्ष्य है। इससे गाँवो में खुशहाली आएगी। कर्मचारियों को सातवे वेतनमान देने की घोषणा भी सरकार ने कर दिया है। 1 जनवरी के 2017 को कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का नगद भुगतान किया जाएगा। यह मप्र की सरकार का सराहनीय कदम है। मप्र की जनता को विकासोन्मुखी और जनहितैषी बजट देने के लिए मैं मप्र की सरकार को बधाई देता हूं।