बुराई को रोको, अच्छाई को बढ़ने दो- मुक्तिसागर सूरिजी
उज्जैन। जीवन क्षणिक है, धन संपदा नश्वर है, पद प्रतिष्ठाएं दुख भरपूर है और यश कीर्तियां भी अपयश दिलाने वाली बन सकती हैं। जीवन के हर क्षण अनमोल हैं, इसे धर्मसाधना से सजाना है। जीवन में आती बुराईयों को रोको, दूर करो अच्छाईयों को आगे बढ़ने दो, यही जीवन की सफलता है।
उक्त उद्गार मालव मार्तण्ड मुक्तिसागर सूरिजी महाराज ने ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी खाराकुआ पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किये। महाराज पूना के चातुर्मास पश्चात लंबी विहा र यात्रा के बाद उज्जैन पधारे हैं। पेढ़ी ट्रस्टी जयंतिलाल तेलवाला ने बताया कि पूज्यश्री का प्रवचन आज 20 फरवरी को सुबह 9.30 बजे भी होगा। अभ्युदयपुरम जैन गुरूकुल के मैनेजिंग ट्रस्टी अशोक भंडारी एवं विजयकुमार सुराना ने कहा कि 21 फरवरी को प्रातः 8.30 बजे मुक्तिसागर महाराज का गुरूकुल में भव्य प्रवेश होगा।